सरकार ने न्यायमूर्ति जी. एस.सिंघवी और न्यायमूर्ति ए.के.गांगुली की खंडपीठ से कहा, “पहली बार अदालत में रखे गए दस्तावेजों का स्वाभाविक तौर पर सीबीआई अध्ययन करेगी और उस पर गौर करेगी और इसे अगली स्थिति रिपोर्ट में शामिल किया जा सकता है।”
ज्ञात हो कि स्वामी ने बुधवार को 2जी मामले में चिदम्बरम की भूमिका पर जो आरोप लगाए थे उसे साबित करने के लिए अदालत में दस्तावेज सौंपे थे।
स्वामी ने आरोप लगाया है कि वर्ष 2008 में हुए स्पेक्ट्रम आवंटन और इसकी कीमत तय करने में तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम की भूमिका थी और उन्होंने पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए. राजा के साथ मिलकर स्पेक्ट्रम आवंटन से सम्बंधित निर्णय लिए।
सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पी.पी. राव ने अदालत के समक्ष सौंपे एक लिखित आवेदन में कहा, “प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट दाखिल करने के बाद यदि जांच अधिकारी को और साक्ष्य मिलते हैं तो उसका कर्तव्य बनता है कि वह अदालत के समक्ष रिपोर्ट सौंपे।”