हिंद महासागर के द्वीप, मालदीव में प्रभुत्व बढ़ाने की चीनी कोशिशों के बीच मनमोहन सिंह राजधानी माले में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद नाशीद से द्विपक्षीय बातचीत के लिए मुलाकात करेंगे। लगभग एक दशक के दौरान भारत का कोई पहला प्रधानमंत्री 1,190 द्वीपों के इस समूह का दौरा कर रहा है।
दोनों देशों के बीच समयसिद्ध सम्बंधों को रेखांकित करने के एक विशेष संकेत के रूप में मनमोहन सिंह मालदीव की संसद, पीपुल्स मजलिस को शुक्रवार को सम्बोधित करेंगे और उसके बाद शाम को दिल्ली वापस लौट आएंगे। मालदीव की संसद के पिछले 78 वर्षो के इतिहास में उसे सम्बोधित करने वाले मनमोहन सिंह दुनिया के पहले नेता होंगे।
विश्वस्त सूत्रों ने कहा है कि बातचीत के दौरान दोनों नेता लूट, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और विकास व आर्थिक सम्बंधों को घनिष्ठ बनाने सहित सभी द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं।
बातचीत के बाद दोनों पक्षों के बीच एक व्यापक समझौते पर हस्ताक्षर होने की सम्भावना है, जो हर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की बात करेगा।
सूत्रों ने कहा कि इस समझौते के तहत भारत विकास सम्बंधी एवं क्षमता निर्माण सम्बंधी अपनी सहायता बढ़ा सकता है, जिसमें एक पुलिस अकादमी की स्थापना में भारत का सहयोग शामिल हो सकता है। नई दिल्ली विकास सम्बंधी परियोजनाओं के लिए मालदीव को एक नए ऋण की घोषणा भी कर सकता है।
चूंकि हिंद महासागर में लूट की घटनाएं दोनों देशों के लिए खतरा बनी हुई हैं, लिहाजा दोनों पक्ष एक आतंकवाद निरोधी समझौते पर भी हस्ताक्षर कर सकते हैं।