उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति इंद्र प्रसन्ना ने बुधवार को यह फैसला सुनाया। राज्य सरकार ने सिंगूर भूमि पुनर्वास और विकास कानून पारित करते हुए पूर्ववर्ती वाम मोर्चे की सरकार द्वारा टाटा मोटर्स को पट्टे पर दी गई जमीन वापस ले ली थी। हुबली जिले में स्थित इस जमीन पर टाटा मोटर्स अपनी सस्ती कार नैनो के निर्माण के लिए संयंत्र लगाने वाली थी।
इस कानून को 14 जून को पश्चिम बंगाल विधानसभा में पारित किया गया था, और इसे 21 जुलाई को प्रभावी बनाया गया। इसके अगले दिन टाटा समूह ने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।