किंगफिशर एयरलाइंस को लेकर तमाम तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है, लेकिन मैं अपने बैंको और शेयरधारकों के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हूं। हमने फैसला लिया है कि घाटे वाले रूटों पर किंगफिशर उड़ान नहीं भरेगी। हमारे इस फैसले से किंगफिशर को घाटे से उबरने में मदद मिलेगी।
नकदी संकट से जूझ रही किंगफिशर एयरलाइंस के अध्यक्ष विजय माल्या ने मंगलवार को कहा कि वह लागत कम करने के लिए विमान ईंधन का सीधे आयात करने की योजना बना रहे हैं। माल्या ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा, “हमने सीधे ईंधन आयात के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय में आधिकारिक रूप से आवेदन किया है। यदि हम अपने इस्तेमाल के लिए सीधे ईंधन आयात करते हैं तो हम एक वास्तविक उपभोक्ता बन जाएंगे, और इसतरह हमें बिक्री कर नहीं देना पड़ेगा।”
माल्या ने कहा कि ईंधन लागत कुल संचालन लागत का 50 प्रतिशत से अधिक बैठती है, जो विभिन्न राज्य सरकारों के बिक्री कर के करण बढ़ जाती है।
माल्या ने आगे कहा कि कम्पनी ने सरकारी स्वामित्व वाली तीन तेल विपणन कम्पनियों की देनदारियां काफी कम कर दी है।
माल्या ने कहा, “हमने इंडियन आयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के बकाए का पूरा भुगतान कर दिया है। जहां तक हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) का सवाल है, तो हमने 600 करोड़ रुपये से अधिक के असुरक्षित क्रेडिट से.. बैंक गारंटी दे दी है और अब हमें 40 करोड़ रुपये का ही भुगतान करना है।”
किंगफिशर एयरलाइंस नौ नवम्बर से हर रोज 40 उड़ानों को रद्द कर रही है। कम्पनी के अनुसार यह कदम मार्ग योजना को युक्तिसंगत बनाने तथा परिणाम में सुधार करने के लिए उठाया गया है।
उल्लेखनीय है कि पांच वर्ष पहले जब से किंगफिशर एयरलाइंस की शुरुआत हुई है, कम्पनी ने कभी भी कोई लाभ नहीं दर्ज कराया है। कम्पनी ने पिछले वित्त वर्ष में 1,027 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान दर्ज कराया था और पिछली तिमाही में 263 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज कराया है।