Home देश विजयादशमी : मां दुर्गा की मूर्तियां विसर्जित, सैकड़ों ‘रावण’ जले

विजयादशमी : मां दुर्गा की मूर्तियां विसर्जित, सैकड़ों ‘रावण’ जले

नई दिल्ली ।। बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक दशहरा यानी विजयादशमी पर्व देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। राष्ट्रीय राजधानी में जहां उप राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री सहित कई राजनेता ‘रावण दहन’ का साक्षी बने, वहीं यमुना में मां दुर्गा की करीब 600 मूर्तियां विसर्जित की गईं। पश्चिम बंगाल में भी गुरुवार शाम गंगा तट पर लगभग ऐसा ही दृश्य रहा। उधर, भोपाल में भ्रष्टाचार के पुतले भी जलाए गए। इसके साथ ही शारदीय नवरात्र का समापन हो गया।

दिल्ली में उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, और दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित सुभाष मैदान पहुंचे, बुराई के प्रतीक रावण के पुतले के दहन का साक्षी बने। इस मौके पर दिल्ली के उप राज्यपाल तेजेंद्र खन्ना और केंद्रीय दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल भी मौजूद थे।

मैदान में बने मंच पर आसीन नेताओं ने रावण का पुतला जलने से पहले उसके पुत्र और भाई मेघनाद एवं कुम्भकर्ण के पुतलों को जलते हुए उत्सुकतापूर्वक देखा। इसके पहले नेताओं ने राम, लक्ष्मण एवं हनुमान की भूमिका निभाने वाले रामलीला के कलाकारों का अभिवादन उनके ऊपर फूल चढ़ाकर किया।

अमेरिका से इलाज कराने के बाद भारत लौटीं गांधी दूसरी बार सार्वजनिक स्थान पर देखी गईं। इस मौके पर वह तनावमुक्त एवं चुस्त दिखीं और उन्होंने रामलीला के कलाकारों की आरती उतारने के साथ ही उनके माथे पर तिलक लगाया।

दिल्ली की यमुना में गाजे-बाजे और नृत्य के साथ हजारों श्रद्धालुओं ने करीब 600 मूर्तियों को प्रवाहित कर मां दुर्गा को भावुक विदाई दी। पांच दिवसीय दुर्गा पूजा महोत्सव का इसी के साथ समापन हो गया। महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाया और देवी को ‘बरन’ संस्कार के साथ विदा कर दिया। विसर्जन के लिए वाहनों में सवार मां दुर्गा और उनकी चार संतानों की मूर्तियों को देखकर बहुत से लोग अपने आंसुओं को रोक नहीं पाए।

कालिंदी कुंज, आईटीओ ब्रिज, गीता घाट और अन्य विसर्जन स्थलों पर मूर्तियों के जाने के पहले पानी में अघुलनशील वस्तुओं को निकाल लिया गया। दिल्ली और एनसीआर में यमुना की बिगड़ती सूरत को देखते हुए लगातार दूसरे साल इस तरह का पर्यावरण सुरक्षा अभियान चलाया गया।

हिमाचल प्रदेश में के कुल्लू में 400 वर्ष पुराने विश्वप्रसिद्ध दशहरा के अवसर पर भगवान रघुनाथ की शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें स्थानीय लोगों के अलावा विदेशी पर्यटकों ने भी भाग लिया।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए गए। ऐशबाग मैदान सहित विभिन्न जगहों पर रावण दहन का आयोजन किया गया। इसके अलावा कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, बरेली सहित विभिन्न शहरों में रावण के पुतलों को फूंका गया। मुख्यमंत्री मायावती और राज्यपाल बी.एल.जोशी की तरफ से प्रदेशवासियों को दशहरा की बधाई दी गई। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भक्तों ने तालाबों एवं नदियों में देवी दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन किया।

मध्य प्रदेश के भोपाल में विजयादशमी पर्व धूमधाम से मनाया गया और रावण तथा उसके भाई व बेटे के साथ महंगाई एवं भ्रष्टाचार के पुतलों का भी दहन किया गया। भोपाल में मुख्य समारोह टीटी नगर मैदान में हुआ। इस मौके पर राज्यपाल रामनरेश यादव भी मौजूद थे। इसके अलावा कोलार क्षेत्र में प्रदेश का सबसे ऊंचा 105 फुट का रावण बनाया गया। इंदौर के चिमनबाग मैदान के अलावा दशहरा मैदान में स्वचालित रावण सभी के आकर्षण का केंद्र रहा।

उधर, पश्चिम बंगाल में विजयादशमी के दिन देवी दुर्गा एवं उनके चार बच्चों की प्रतिमाएं गंगा नदी एवं अन्य जलाशयों में विसर्जित की गईं। इसके साथ ही पांच दिवसीय पूजा महोत्सव का समापन हो गया। इस अवसर पर कोलकाता की सड़कों पर भारी भीड़ उमड़ी। लाखों लोगों ने इन घाटों पर प्रतिमा विसर्जन देखा। शहर एवं नदी के घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई।

त्योहार में अपने पैतृक घर पहुंचे केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने को लोगों को विजयादशमी की शुभकामना देते हुए आवश्यक वस्तुओं के दाम घटने तथा विकास दर ऊंची होने की कामना की।

मुखर्जी ने बीरभूम जिले के कीरनहर के निकट मिराती में स्थित अपने पैतृक निवास पर संवाददाताओं से कहा, “राष्ट्रीय स्तर पर, देश के वित्त मंत्री के रूप में मैं चाहता हूं कि आवश्यक वस्तुओं के दाम घटें और विकास दर ऊंची हो तथा वित्तीय घाटे में कमी आए।”

देश के अन्य राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, बिहार व झारखण्ड में विजयादशमी पारम्परिक तीके से मनाई गई।

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