सूत्रों के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय के पास बाबा रामदेव और उनके ट्रस्ट द्वारा उक्त देशों से अवैध तरीके से वित्तीय अनुदान लेने के सबूत हैं। इनमें पतंजलि योगपीठ और दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट भी शामिल हैं। बाबा रामदेव के घनिष्ठ सहयोगी वेद प्रताप वैदिक ने हालांकि इसे ‘प्रतिशोध’ में की गई कार्रवाई करार दिया है।
संवाददाताओं से बातचीत में वैदिक ने कहा, “मामला दर्ज करने का समय संदेह पैदा करता है। यदि सरकार के पास ये सूचनाएं पहले से ही थीं, तो उन्होंने पहले मामला दर्ज क्यों नहीं किया?”
सूत्रों के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय के पास बाबा रामदेव के ट्रस्ट को हाल ही में ब्रिटेन से सात करोड़ रुपये का अनुदान मिलने के सबूत हैं। स्कॉटलैंड में लिटिल कम्ब्राय द्वीप स्थित बाबा रामदेव के आश्रम की भी तलाशी ली जा रही है।