विधेयक के दायरे में 75 फीसदी ग्रामीण आबादी तथा 50 फीसदी शहरी परिवारों को शामिल किया गया है।
मंत्रिमंडल ने 13 दिसम्बर को सहयोगियों के बीच सहमति कायम करने के मकसद से खाद्य विधेयक पर फैसला टाल दिया था।
खाद्य विधेयक सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार समिति की प्रिय परियोजना है। यह 2009 के आम चुनाव में कांग्रेस के घोषणा पत्र का भी हिस्सा थी।