विपक्षी भारतीय जनता पार्टी [भाजपा] के सदस्यों ने मंगलवार को संसद की कार्यवाही में बाधा पहुंचाई।
जिसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी। भाजपा ने राज्यपाल को वापस बुलाने की मांग की।
भाजपा सदस्यों ने लोकसभा में यह मुद्दा बैठक शुरू होने के तत्काल बाद उठाया, जबकि राज्यसभा में यह मुद्दा प्रश्नकाल के बाद उठाया गया।
लोकसभा की कार्यवाही इस मुद्दे पर दो बार स्थगित हुई, जबकि राज्यसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।
लोकसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने मांग की कि गुजरात की राज्यपाल कमला बेनीवाल को वापस बुलाया जाए। आडवाणी ने आरोप लगाया कि उन्होंने मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से मशविरा किए बगैर न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आर.ए. मेहता को राज्य का लोकायुक्त नियुक्त कर संघीय ढाचे का उल्लंघन किया है।
आडवाणी ने कहा, “हम राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के पास जाएंगे और राज्यपाल कमला बेनीवाल को वापस बुलाने की मांग करेंगे।”
आडवाणी ने कहा, “राज्यपाल को निष्पक्ष होना चाहिए और मुख्यमंत्री व मंत्रिमंडल की सलाह पर लोकायुक्त की नियुक्ति करनी चाहिए।”
भाजपा ने इस मुद्दे को उठाए जाने के लिए प्रश्नकाल स्थगित करने का नोटिस दिया था।
इस दौरान भाजपा सदस्य लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास पहुंच गए। इसके बाद सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। दोबारा बैठक शुरू होने के बाद भी हंगामा जारी रहा।
अध्यक्ष ने आडवाणी को बोलने की अनुमति दी और उन्होंने कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के बीच अपना भाषण पूरा किया। लेकिन शोरशराबा जारी रहा और सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि नई दिल्ली में सत्ता में बैठे लोगों के इशारे पर राज्य में संवैधानिक संकट पैदा किया गया है।
जेटली ने कहा कि यदि केंद्र सरकार राज्य सरकार से मशविरा किए बगैर लोकायुक्त को नियुक्त करने में सफल हो गई, तो इस तरह के उदाहरण हर राज्य में दोहराए जाएंगे।
जेटली ने कहा कि संवैधानिक प्रावधान के अनुसार, राज्यपाल को राज्य मंत्रिमंडल की सलाह पर काम करना चाहिए।
भाजपा सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 10-10 मिनट के लिए दो बार स्थगित की गई। उसके बाद सदन की कार्यवाही अपराह्न् दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
जेटली जब बोलने के लिए उठे, तो सभापति हामिद अंसारी ने उच्च पदों पर बैठे व्यक्तियों के मुद्दों पर चर्चा के लिए सदन के नियमों व संकल्पों का हवाला दिया।
जेटली ने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं कि संसद में राज्यपाल को वापस बुलाने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई है।
इसके बाद भाजपा सदस्य, जेटली के समर्थन में अपनी सीटों से उठ गए, और शोरशराबा करने लगे। इसके बाद सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की बैठक दोबारा शुरू होने पर जेटली ने अपना भाषण पूरा किया। लेकिन भाजपा सदस्यों ने नारेबाजी की और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से जवाब मांगा। इसके बाद अंसारी ने सदन की कार्यवाही दोबारा 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
तीसरी बार सदन की बैठक शुरू होने के बाद भी भाजपा सदस्यों का हंगामा जारी रहा। लिहाजा उपसभापति के. रहमान खान ने सदन की कार्यवाही अपराह्न् दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
ज्ञात हो कि गुजरात के राज्यपाल बेनीवाल ने मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को नजरअंदाज करते हुए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मेहता को 26 अगस्त को राज्य का लोकायुक्त नियुक्त कर दिया। यह पद पिछले सात वर्षो से खाली था।