Home देश लोकायुक्त नियुक्ति विवाद पर राष्ट्रपति से मिला कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल

लोकायुक्त नियुक्ति विवाद पर राष्ट्रपति से मिला कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल

नई दिल्ली ।। गुजरात में राज्य सरकार के परामर्श के बगैर लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर पैदा हुए विवाद के बीच राज्य के कांग्रेस विधायकों और सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील से मुलाकात की। उन्होंने लोकायुक्त की नियुक्ति को वैध ठहराया और आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी [भाजपा] इसलिए हंगामा कर रही है, क्योंकि वह राज्य में सरकारी लोकायुक्त की नियुक्ति चाहती है।

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर लोकायुक्त की नियुक्ति को अवैध ठहराया था और राज्यपाल कमला बेनीवाल को वापस बुलाए जाने की मांग की थी।

 

गुजरात के कांग्रेस विधायकों और सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में लोकायुक्त की नियुक्ति को वैध ठहराने की कोशिश की गई है और राष्ट्रपति से गुजरात में संवैधानिक और लोकतांत्रिक क्रियाकलापों को पुनस्र्थापित करने का आग्रह किया गया है। कांग्रेस ने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा इसलिए हंगामा कर रही है, क्योंकि वह राज्य में सरकारी लोकायुक्त की नियुक्ति चाहती है, ताकि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा की तरह गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी कुर्सी न गंवानी पड़ जाए।

राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता शक्ति सिंह गोहिल ने संवाददाताओं से कहा, “हमने भाजपा के झूठ का सच राष्ट्रपति के समक्ष रखा और उन्हें बाताया कि भाजपा किस तरह झूठी जानकारी फैला रही है। हमने राष्ट्रपति को यह भी बताया कि गुजरात लोकायुक्त अधिनियम के मुताबिक ही मेहता की निुयक्ति हुई है और यह पूरी तरह वैध है। भाजपा इतना हंगामा इसलिए कर रही है, क्योंकि वह राज्य में सरकारी लोकायुक्त की नियुक्ति चाहती है।”

गौरतलब है कि गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा राज्य सरकार के परामर्श के बगैर राज्यपाल कमला बेनीवाल द्वारा सेवानिवृत्त न्यायाधीश आर. ए. मेहता को लोकायुक्त नियुक्त करने का लगातार विरोध कर रही है। इस सिलसिले में पिछले दिनों पार्टी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से मुलाकात की थी और लोकायुक्त की नियुक्ति को अवैध बताते हुए राज्यपाल को वापस बुलाने की मांग की थी।

इस मुद्दे को लेकर भाजपा ने मंगलवार को लगातार चौथे दिन संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया, जिसके कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बाधित हुई।

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