एक उच्च पदस्थ सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि भारत एवं चीन के विशेष प्रतिनिधियों की दिल्ली में 28-29 नवम्बर को मुलाकात होगी। दोनों पक्ष कुछ समय से एक दूसरे के सम्पर्क में थे।
यह वार्ता 18-19 नवम्बर को पूर्वी एशिया सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ की सम्भावित मुलाकात के बाद होगी।
चीन के विशेष प्रतिनिधि एवं स्टेट काउंसलर डाई बिंगुओ भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन से वार्ता करेंगे। वार्ता के दौरान दोनों देश दशकों पुराने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए एक तंत्र पर अपना ध्यान केंद्रीत करेंगे।
हालांकि कूटनीतिक हलकों में इस बात को लेकर गहरी निराशा है कि 14 चक्र की वार्ता में कोई महत्वपूर्ण सफलता हाथ नहीं लगी है। लेकिन भारतीय पक्ष का मानना है कि इसमें कुछ कदम उठाए जाएंगे।
दोनों पक्ष संयुक्त सीमा तंत्र पर भी विचार कर रहे हैं और उम्मीद है कि इस वार्ता में इस पर सहमति बन सकती है। लगभग 3500 किमी लम्बी सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए इस तंत्र में विदेश मंत्रालय के राजनयिकों के अलावा सेना एवं अर्धसैनिक बलों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
सीमा विवाद के अलावा पिछले कुछ महीनों से और भी कई मुद्दे दोनों देशों के सम्बंधों को प्रभावित कर रहे हैं। इस वार्ता में उन पर विचार किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि चीन, दक्षिण चीन सागर में भारत के वियतनाम के साथ तेल खनन के समझौते पर अपनी चिंताओं को इस वार्ता में उठाएगा। चीन इस समुद्र पर अपना दावा जताता है जबकि भारत ने वियतनाम के साथ समझौते का समर्थन किया है।
भारत ने स्वीकार किया कि दोनों देशों के मध्य कई मुद्दों पर मतभेद हैं।