नई दिल्ली ।। भारत ने गुरुवार को वियतनाम तट पर एक भारतीय नौसैनिक युद्धपोत और चीनी युद्धपोत के आमने-सामने आने की रिपोर्ट को खारिज करते हुए जोर देकर कहा कि उसे उम्मीद है कि सभी देश अंतर्राष्ट्रीय जल क्षेत्र में नौ परिवहन की स्वतंत्रता का सम्मान करेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विष्णु प्रकाश ने कहा, “आईएनएस ऐरावत के साथ किसी का आमना-सामना नहीं हुआ।” दक्षिणी चीन सागर में चीनी और भारतीय युद्धपोत के आमने-सामने आने के बारे में पूछे जाने पर प्रकाश ने यह बात कही।
22 जुलाई के कार्यक्रमों का ब्योरा देते हुए प्रवक्ता ने कहा कि आईएनएस ऐरावत 19-28 जुलाई के बीच एक मैत्री यात्रा के तहत वियतनाम गया था। 22 जुलाई को आईएनएस ऐरावत वियतनाम के नहा त्रंग बंदरगाह से हाई फोंग की तरफ रवाना हुआ था।
प्रवक्ता ने कहा, “दक्षिणी चीन सागर में वियतनाम तट से 45 समुद्री मील दूर एक खुले रेडियो चैनल के माध्यम से एक व्यक्ति ने भारतीय युद्धपोत से सम्पर्क साधा और उसने अपने आप को चीनी नौसेना का कर्मी बताया। उसने कहा कि आप चीन की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि आईएनएस ऐरावत से किसी जहाज या हवाई जहाज को नहीं देखा गया और युद्धपोत अपने निर्धारित मार्ग पर बढ़ता गया।
प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि भारत दक्षिणी चीन सागर सहित अंतर्राष्ट्रीय जल क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता का समर्थन करता है और अंतर्राष्ट्रीय कानून के मुताबिक स्वीकार्य नियमों के तहत उसे जाने का अधिकार है।
उन्होंने कहा, “इन सिद्धातों का सभी को सम्मान करना चाहिए।”
उल्लेखनीय है कि हाल ही में लंदन के एक समाचार पत्र ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ में रिपोर्ट छपी थी कि एक अज्ञात चीनी युद्धपोत ने भारतीय युद्धपोत से अपनी पहचान बताने और दक्षिणी चीन सागर में वियतनाम तट पर अपनी उपस्थिति का कारण बताने को कहा था। चीन दक्षिणी चीन सागर को अपने क्षेत्र में होने का दावा करता है जबकि वियतनाम, मलेशिया और ब्रुनेइ चीन के इस दावे को खारिज करते हैं।