मंगलवार से शुरू हुए शीतकालीन अधिवेशन में अब तक कोई विधायी कामकाज नहीं हो सका है। गुरुवार को बैठक शुरू होते ही दोनों सदनों में हंगामा शुरू हो गया।
वामपंथी दलों और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों ने महंगाई के मुद्दे पर कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। वामपंथी दल नियम 193 के तहत इस मुद्दे पर चर्चा को तैयार हो गए हैं। इस नियम के तहत मतविभाजन का प्रावधान नहीं है। वामपंथी दल मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा कराने की मांग पर अड़े हुए थे।
प्रश्नकाल आरम्भ होते ही वामपंथी दल और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सदस्यों ने महंगाई के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। उधर, तेलंगाना क्षेत्र के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समक्ष पहुंच गए और पृथक राज्य की मांग के समर्थन में नारेबाजी करने लगे। कुछ सदस्यों ने हाथों में तख्तियां उठा रखी थीं। इनमें कांग्रेस के सदस्य भी थे।
कुछ विपक्षी सदस्य मूल्य वृद्धि का मामला उठाते हुए अध्यक्ष के आसन की ओर बढ़ने लगे। हंगामा न थमता देख लोकसभाध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
राज्य सभा में भी विपक्ष के ऐसे ही तेवर देखने को मिले। जिसकी वजह से उसकी कार्यवाही भी दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।
दोपहर 12 बजे भी दोनों सदनों में स्थिति पूर्ववत बनी रही और हंगामा जारी रहा। हंगामा न थमता देख दोनों सदनों की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी गई।