कोलकाता के बाहरी इलाके बेहला में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए बनर्जी ने कहा, “किशनजी जहां छिपे थे उसके समीप एक गांव था। सुरक्षा बल कार्रवाई में बड़ी क्षति से बचना चाहते थे। इसलिए उन्हें आत्मसमर्पण के लिए कहा गया। आत्मसमर्पण के लिए उनसे बार-बार अपील की गई।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “किशनजी को आत्मसमर्पण के लिए तीन दिनों का समय दिया गया। नक्सलियों ने हालांकि, अपील की अनदेखी की और उन्होंने गोलीबारी करनी शुरू कर दी।”
सुरक्षा बलों ने दावा किया है कि पश्चिमी मिदनापुर जिले के बुरीशोल गांव में गुरुवार को हुई मुठभेड़ में किशनजी मारे गए। जबकि प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी (भाकपा-माओवादी) ने किशनजी को हिरासत में लिए जाने, प्रताड़ित करने और फिर ‘नृशंस हत्या’ करने का आरोप लगाया है।