Home देश उत्तराखण्ड में लोकायुक्त मामले पर कांग्रेस के अलग-अलग मत

उत्तराखण्ड में लोकायुक्त मामले पर कांग्रेस के अलग-अलग मत

नई दिल्ली ।। उत्तराखण्ड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार द्वारा लोकायुक्त गठन के लिए विधेयक पारित किए जाने के एक दिन बाद बुधवार को कांग्रेस में इस मामले पर अलग-अलग बयानबाजियां हुईं। जहां केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने राज्य के इस पहल का स्वागत किया तो वहीं कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इसे ‘कोई बड़ी बात नहीं’ करार दिया।

खुर्शीद ने एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं को बताया, “यह बहुत अच्छा है कि राज्य ने लोकायुक्त का गठन किया। यही तो हम भी कह रहे हैं कि प्रत्येक राज्य लोकायुक्त विधेयक को स्वयं पारित करें और केंद्र लोकपाल विधेयक को पारित करे। अगर किसी राज्य ने ऐसा किया है तो उसे बधाई देता हूं।”

उत्तराखण्ड मुख्यमंत्री को लोकायुक्त के दायरे में लाने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। अन्ना टीम की सदस्य किरन बेदी ने ‘लोकपाल की पूर्ण भावना’ के रूप में इसकी सराहना की है।

वहीं दिग्विजय सिंह इसे बहुत बड़ी बात नहीं मानते हैं। उन्होंने अन्ना टीम द्वारा की जाने वाली प्रशंसा का प्रतिकार किया और कहा कि इससे भाजपा की तरफ अन्ना टीम का झुकाव साफ हो जाता है।

उन्होंने संवाददाताओं को बताया, “यह कोई बड़ी बात नहीं है। जब तक हम उत्तराखण्ड के लोकायुक्त विधेयक के मसौदे को नहीं देख लेते तब तक हम इस पर सही टिप्पणी नहीं कर सकते हैं।”

“मुझे कोई आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि यह एक फिर साबित हुआ है कि भाजपा जो कुछ भी करती है, वह अन्ना टीम को ठीक लगता है। जो कुछ भी कांग्रेस करती है, अन्ना टीम को अच्छा नहीं लगता है क्योंकि कांग्रेस उन्हें अछूत लगती है।”

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