अग्निवेश ने लोकपाल बिल के दायरे में प्रधानमंत्री और न्यायपालिका को शामिल किए जाने के सवाल पर कहा है कि इस मुद्दे पर अड़े अन्ना हजारे और उनके सहयोगी नरम रुख अपना सकते हैं। दूसरी ओर, अन्ना और उनके साथ जन लोकपाल बिल ड्राफ्ट कमिटी के सदस्य रह चुके साथी इस मांग को नहीं छोड़ने पर अड़े हैं।
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में अग्निवेश ने दावा किया कि अगर सरकार लोकपाल बिल पर अन्य मांगें मान ले, तो टीम अन्ना प्रधानमंत्री और न्यायपालिका को लोकपाल के दायरे में लाने की जिद छोड़ भी सकती है। अन्य मांगों में निचले स्तर के नौकरशाहों को लोकपाल के दायरे में लाने और शिकायत साबित होने पर दी जाने वाली सजा कठोर करने जैसे प्रावधान शामिल हैं।
हालांकि अग्निवेश ने यह भी स्पष्ट किया कि वह समझौते के लिए टीम अन्ना की इच्छा की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीच का रास्ता आसानी से निकाला जा सकता है।
उधर, अग्निवेश के बयान के बारे में बताए जाने पर अन्ना हजारे के सहयोगियों ने साफ कहा कि अब समझौते या पीछे हटने की कोई गुंजाइश ही नहीं है। टीम अन्ना ने बुधवार को संसद की स्थायी समिति [कानून और न्याय मामले की] के सामने भी मौजूदा बिल को वापस लेकर नया कानून लाने की ही मांग रखी।
टीम के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने तो यहां तक कहा कि समिति के सामने हमें अपनी बात रखने के लिए बुलाना औपचारिकता से ज्यादा कुछ नहीं है, क्योंकि समिति के पास कानून बदलने का अधिकार नहीं है। समिति के सामने अपनी बात रखने के बाद अन्ना हजारे ने भी दोहराया कि अगर मौजूदा कानून वापस नहीं लिया गया, तो 16 अगस्त से वह अनशन करेंगे।
उधर, दिल्ली पुलिस ने अन्ना हजारे को दिल्ली गेट के पास फिरोजशाह कोटला स्टेडियम और शहीदी पार्क के बीच स्थित जय प्रकाश नारायण मेमोरियल पार्क में अनशन की इजाजत दे दी है। दिल्ली पुलिस ने यह साफ कर दिया है कि इसके लिए टीम अन्ना को सीपीडब्लूडी से इजाजत लेनी होगी। जेपीएन मेमोरियल पार्क सीपीडब्लूडी की देखरेख में है। गुरुवार को अन्ना की टीम पार्क का दौरा करेगी और यहां अनशन की इजाजत लेने के लिए सीपीडब्लूडी को एप्लिकेशन भी देगी।