रैली राजघाट से शुरू हुई और दक्षिण दिल्ली के तुगलकाबाद मैदान में समाप्त हुई। अन्ना हजारे की सहयोगी किरण बेदी ने रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि लोग लोकपाल पर सरकार के कदम के बारे में नहीं जानते। उन्हें इस बारे में बताने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “हमें लोगों के बीच यह संदेश पहुंचाना होगा कि सरकार हमारे साथ धोखा कर रही है। जो हो रहा है, उस बारे में हर किसी को जानकारी नहीं है। हर कोई पुलिसकर्मी या अधिवक्ता नहीं है और न ही लोगों को कानून की जानकारी है। हमें उन्हें बताने की जरूरत है।”
बाद में संवाददाताओं से बातचीत में बेदी ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सरकार के नियंत्रण में नहीं रखना चाहिए। उन्होंने कहा, “सीबीआई को सरकार के नियंत्रण में रखकर उन्होंने साफ कर दिया है कि वे भ्रष्टाचार से मुकाबले को लेकर गम्भीर नहीं हैं। क्या इसलिए अन्ना हजारे ने अनशन की थी?”
रैली का आयोजन इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के बैनर तले किया गया था। आईएसी की प्रवक्ता अस्वाति मुरलीधरन ने आईएएनएस को बताया, “लोगों से रैली में शामिल होने का अनुरोध किया गया था। हमें उत्साहवर्धक नतीजे मिले। लगभग 400 कार और मोटरसाइकिल सवार रैली में शामिल हुए।”
आईएसी के स्वयंसेवक संदीप सक्सेना ने कहा, “रैली में शामिल होने के लिए मैंने अपने भाई की कार ली। इस तरह के विरोध प्रदर्शनों में शामिल होकर हम अन्ना हजारे के प्रति समर्थन जता सकते हैं। मैं अन्ना हजारे का समर्थन करता हूं और चाहता हूं कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना आंदोलन जारी रखें।”