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“जनलोकपाल आंदोलन की रीढ़ है कोर कमेटी, इसे भंग करने का सवाल ही पैदा नहीं होता”

नई दिल्ली ।। टीम अन्ना की कोर कमेटी की बैठक समाप्त हो गई है। माना जा रहा है कि कोर कमेटी की बैठक में कमेटी भंग करने के ऊपर कोई आम सहमति नहीं बन पाई है। ऐसे में अब इस पर कोई अंतिम निर्णय अन्ना ही लेंगे।

कोर कमेटी के मसौदे को लेकर अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण आज शाम रालेगण सिद्धि जाएंगे। शनिवार को हुई इस बैठक में कुल 19 सदस्यों ने भाग लिया। इस बैठक में अन्ना हजारे, संतोष हेगड़े, कुमार विश्वास और मेधा पाटकर शामिल नहीं हुए।

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के प्रमुख सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को घोषणा की कि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के लिए गठित कोर समिति भंग नहीं होगी। इसके साथ ही केजरीवाल ने चेतावनी दी कि यदि संसद के शीतकालीन सत्र में प्रभावी लोकपाल विधेयक नहीं पारित हुआ तो समिति के सदस्य अगले वर्ष विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करेंगे।

केजरीवाल ने गाजियाबाद में कोर समिति की पांच घंटे तक चली बैठक के बाद कहा, “कोर समिति को भंग करने का सवाल ही नहीं उठता। सरकार कोर समिति पर हमला कर रही है, जिसका कड़ा जवाब दिया जाएगा। हम जन लोकपाल विधेयक से ध्यान बंटाने की अनुमति नहीं देंगे।”

केजरीवाल ने कहा कि अन्ना पक्ष को हिसार लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करने के लिए मजबूर किया गया, क्योंकि कांग्रेस जन लोकपाल विधेयक के समर्थन में सामने नहीं आई।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा 10 अक्टूबर को अन्ना को लिखे पत्र का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा कि यदि यह पत्र पहले ही आ गया होता तो कांग्रेस के खिलाफ प्रचार की जरूरत नहीं पड़ी होती। प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में एक प्रभावी लोकपाल विधेयक के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का भरोसा दिलाया था।

केजरीवाल ने कहा, “यदि शीतकालीन सत्र में विधेयक नहीं पारित हुआ, तो आंदोलन को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस विरोधी रणनीति अपनानी होगी।”

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