नई दिल्ली ।। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रभावी लोकपाल पर शीघ्र ही एक विधेयक लाने का भरोसा देते हुए बुधवार को कहा कि गांधीवादी अन्ना हजारे का आंदोलन अपना ‘उद्देश्य पाने में सफल’ रहा। साथ ही उन्होंने सामाजिक संगठन के सदस्यों पर हाल में हुए हमलों की भी निंदा की।
प्रिटोरिया में आयोजित भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका देशों के संगठन इब्सा के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद स्वदेश लौटते हुए प्रधानमंत्री ने पत्रकारों से कहा, “मैं इस मौके पर किसी व्यक्ति का आलोचना करना पसंद नहीं करूंगा लेकिन मेरा मानना है कि अन्ना हजारे के आंदोलन ने अपना उद्देश्य पूरा कर लिया है।”
प्रधानमंत्री से यह पूछे जाने पर कि अन्ना हजारे और उनकी टीम भारत में भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस पार्टी को जिम्मेदार बता रही है और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल पर हुए हमले के बारे उनका क्या कहना है।
उन्होंने कहा, “हम एक प्रभावी लोकपाल विधेयक लाने की दिशा में काम कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि संसद एक प्रभावी विधेयक लाएगी। यह लोगों के लिए एक आश्वासन होगा कि देश में भ्रष्टाचार को पनपने नहीं दिया जाएगा।”
भूषण और केजरीवाल पर हुए हमलों के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं होती है और इस तरह के कार्यो की निंदा करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “मेरा पूरी तरह से मानना है कि हिंसा के सहारे कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता। नाराजगी और निराशा जाहिर करने के और भी सभ्य तरीके हैं।”
सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून में बदलाव लाने की अपनी टिप्पणी से इंकार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “मैंने यह कभी नहीं कहा कि आरटीआई को किसी तरह से कमजोर होना चाहिए।”