Home देश जनता को पता है मायावती की असली भावना : उदितराज

जनता को पता है मायावती की असली भावना : उदितराज

लखनऊ ।। इंडियन जस्टिस पार्टी (इंजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व दलित नेता डॉ. उदितराज ने कहा है कि चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के विभाजन का राजनीतिक दांव चलने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख एवं मुख्यमंत्री मायावती को इससे कोई फायदा नहीं मिलने वाला है, क्योंकि जनता उनकी असली भावना जानती है। उदितराज ने लखनऊ में ‘आईएएनएस’ से खास बातचीत में कहा कि चुनाव से ठीक पहले राज्य के पुनर्गठन का शिगूफा छोड़कर मायावती अपनी सरकार के भ्रष्टाचार और लूट से जनता का ध्यान हटाना चाहती हैं लेकिन वह इसमें कामयाब नहीं होंगी।

उन्होंने कहा कि जनता को पता है कि अगर राज्य के विभाजन को लेकर मायावती की नीयत ईमानदार होती तो उन्होंने जो कदम चुनाव के ठीक पहले उठाया है, उसे 2007 में चुनाव जीतने के तुरंत बाद उठातीं। संतुलित विकास के नाम पर उन्होंने उत्तर प्रदेश को चार भागों में बांटने का जो कदम उठाया है, उससे भ्रष्टाचार और कुशासन पर पर्दा डालने की कोशिश में वह सफल नहीं होंगी।

उदितराज ने कहा, “मैं छोटे राज्यों के खिलाफ नहीं हूं लेकिन मुझ्झे ऐसा लगता है कि पूर्वाचल अलग राज्य बना तो वह बाहुबलियों के हाथ में चला जाएगा। पश्चिमी प्रदेश बना तो वह एक खास जाति के अधीनस्थ हो जाएगा। वहां हरियाणा की तरह ऐसे जातीय समीकरण हो जाएंगे कि सिर्फ एक खास जाति के अलावा किसी अन्य जाति का मुख्यमंत्री बन पाना लगभग असम्भव होगा।”

मायावती पर दलितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए उदितराज ने कहा कि दलित समुदाय से सम्बंध रखने और दलितों के दम पर सत्ता पाने वाली मायावती ने दलितों के उत्थान के लिए कुछ नहीं किया। 

उन्होंने कहा कि मायावती सरकार में दलित खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, न तो उनकी हालत सुधरी है और न ही उन पर जुल्म कम हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव में दलित बसपा के झांसे में नहीं आएंगे।

उदितराज ने दावा किया कि इंजपा आगामी विधानसभा में एक महत्वपूर्ण ताकत बनकर उभरेगी। उनकी पार्टी करीब 150 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि इंजपा, पीस पार्टी और अपना दल जैसे कुछ छोटे दलों के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। उदितराज ने चुनाव के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) से इंजपा के गठबंधन की सम्भावना से इंकार नहीं किया

Rate this post

NO COMMENTS