हैदराबाद ।। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सेवानिवृत्त नौकरशाह के.प्रभाकर रेड्डी से अवैध खनन मामले में बुधवार को पूछताछ की। इस मामले में कर्नाटक के पूर्व मंत्री जी. जनार्दन रेड्डी के स्वामित्व वाली ओबुलापुरम खनन कम्पनी (ओएमसी) शामिल है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी, के. प्रभाकर रेड्डी एक गवाह के रूप में सीबीआई के समक्ष पेश हुए। रेड्डी 2009 में सेवानिवृत्त हुए थे।
प्रभाकर रेड्डी, आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी के कार्यालय में कार्यरत थे। उन्होंने ओएमसी को लौह अयस्क खनन के पट्टे जारी करने में कथितरूप से एक भूमिका निभाई थी।
प्रभाकर रेड्डी, तीसरे ऐसे आईएएस अधिकारी हैं, जिनसे सीबीआई ने मामले में पूछताछ की है। सीबीआई ने इसके पहले परिवार कल्याण आयुक्त वाई.श्रीलक्ष्मी से कई बार पूछताछ की थी। तत्कालीन उद्योग सचिव (खनन मामलों के प्रभारी) के रूप में श्रीलक्ष्मी ने खनन पट्टे जारी करने में कथितरूप से भूमिका निभाई थी।
जांच एजेंसी ने रविवार को एम.जी.वी.के. भानु से पूछताछ की थी। असम कैडर के आईएएस अधिकारी भानु फिलहाल चाय बोर्ड के अध्यक्ष हैं। वह तत्कालीन मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में आंध्र प्रदेश सरकार में प्रतिनियुक्ति पर आए थे।
जनार्दन रेड्डी, ओएमसी के प्रबंध निदेशक श्रीनिवास रेड्डी और पूर्व खनन निदेशक वी.डी. राजगोपाल इस मामले में पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सीबीआई की तीन दिसम्बर को मामले में आरोप पत्र दाखिल करने की योजना है।