जयललिता ने राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) की बैठक में अपने भाषण में कहा, “केंद्र सरकार लगता है कि गैरकांग्रेसी सरकारों को परेशान करने आमादा है।”
जयललिता ने कहा, “लगता है कि केंद्र में बैठी सरकार ऐसा नहीं समझती कि गैर कांग्रेसी सरकार वाले राज्यों के नागरिक भी उसी तरह भारतीय नागरिक हैं, जिस तरह कांग्रेस शासित राज्यों के नागरिक।”
जयललिता ने कहा कि विशेष सहायता के लिए बार-बार आवेदन करने के बावजूद तमिलनाडु को धन नहीं मुहैया कराया गया। जबकि पश्चिम बंगाल सरकार को सिर्फ इसलिए विशेष पैकेज दिया गया, क्योंकि वहां मौजूदा समय में सत्ताधारी दल संप्रग में शामिल है।
जयललिता ने कहा, “यह सिर्फ इस बात का संकेत है कि गैर कांग्रेसी सरकारों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।”
जयललिता ने प्रस्तावित साम्प्रदायिक हिंसा विधेयक के लिए भी केंद्र सरकार की अलोचना की और कहा कि केंद्र सरकार राज्यों की चिंताओं की परवाह किए बगैर एक सामान बिक्री कर (जीएसटी) विधेयक लाने की कोशिश कर रही है।
जयललिता ने प्रस्तावित साम्प्रदायिक हिंसा विधेयक का जिक्र करते हुए कहा, “हाल के महीनों में केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित कई कदम फासीवादी और गैर लोकतांत्रिक प्रकृति के हैं।”
महंगाई के मुद्दे पर जयललिता ने कहा कि संप्रग सरकार के कदम बुरी तरह विफल हुए हैं और यहां तक कि नुकसानदायक साबित हुए हैं।