न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की खण्डपीठ ने सीबीआई को नोटिस जारी किया।
आरोपियों के खिलाफ कम्पनी के खातों से हेराफरी करने और ज्यादा लाभ दिखाने का आरोप है।
बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता उदय कुमार सागर ने अदालत से अनुरोध किया कि तीनों याचिकाकर्ताओं को जेल में रखने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वे पहले ही ढाई साल से जेल में बंद हैं।
सागर ने अदालत को बताया कि उनके खिलाफ ऐसे आरोप हैं जिसमें यदि वे दोषी करार होते हैं तो उन्हें अधिकतम सात वर्ष की सजा सुनाई जा सकती है।
सागर ने कहा कि आरोपी जांच में सहयोग करेंगे। मामले की अगली सुनवाई तीन नवम्बर को होगी।