दोनों सदनों की कार्यवाही लगातार स्थगित होने से चिंतित सरकार ने मंगलवार को गतिरोध दूर करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
ज्ञात हो कि गत मंगलवार को संसद के शीतकालीन सत्र का अधिवेशन आरम्भ हुआ था। सोमवार को संसद की कार्यवाही का पांचवा दिन था और अब तक एक भी दिन किसी भी सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल सकी है। विभिन्न मुद्दों पर सदस्यों के हंगामे की वजह से कार्यवाही बाधित हुई है।
सोमवार सुबह 11 बजे जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही आरम्भ हुई वैसे ही लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने बुल्गारिया से आए संसदीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और फिर उसके बाद मुम्बई हमले में मारे गए लोगों और इसमें शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद जैसे ही उन्होंने प्रश्नकाल के लिए सदस्य का नाम पुकारा वैसे ही तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वामपंथी दलों के सदस्यों ने हंगामा आरम्भ कर दिया। ये सदस्य जहां एफडीआई के मुद्दे पर हंगामा कर रहे थे और सरकार से इस कदम को वापस लेने की मांग कर रहे थे वहीं तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के चंद्रशेखर राव और विजया शांति पृथक राज्य के मुद्दे पर नारेबाजी कर रहे थे। इस दौरान केरल के सांसद मुल्लापेरियार बांध के मुद्दे पर अपना पक्ष रखना चाह रहे थे।
लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद मुरली मनोहर जोशी ने एफडीआई के मसले पर कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया था।
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों से शांति बनाए रखने और प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया लेकिन सदस्यों ने उनकी एक न सुनी। हंगामे के कारण उन्होंने कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी हंगामा नहीं थमा, जिसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
राज्यसभा में भी यही स्थिति रही। विपक्ष के नेता अरुण जेटली और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके ) के नेता वी. मैत्रेयन ने कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था।
जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही आरम्भ हुई वैसे ही जेटली ने एफडीआई के मुद्दे को उठाया। अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने भी उनका साथ देते हुए हंगामा आरम्भ कर दिया।
हंगामा जारी रहने के कारण सभापति हामिद अंसारी ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी।
दोबारा जब सदन की कार्यवाही आरम्भ हुई तो स्थिति जस की तस बनी रही। अलबत्ता सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
बाद में मैत्रेयन ने पत्रकारों से कहा, “हम चाहते हैं कि इस विषय पर चर्चा हो। हम इस पर मत विभाजन भी चाहते हैं। मेरा मानना है कि यदि इस विषय पर मतविभाजन हुआ तो सरकार को मुंह की खानी पड़ेगी।”
कार्यवाही स्थगित होने के बाद जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष शरद यादव ने खुदरा क्षेत्र में एफडीआई का फैसला वापस लेने की मांग की।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “यह मामला सिर्फ संसद तक ही सीमित नहीं है। इससे पूरा देश चिंतित है।”
वामपंथी दल भी इस मुद्दे पर भाजपा के साथ हैं।
कांग्रेस की ओर से विपक्षी हमलों का जवाब देते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने पत्रकारों से कहा, “विपक्षी दलों को संसद की कार्यवाही बाधित करने की अपेक्षा चर्चा करनी चाहिए। वे मुद्दों को सदन में उठाएं और चर्चा करें।”