प्रधानमंत्री ने अन्ना हजारे को सोमवार को लिखे पत्र में कहा, “जैसा कि आप जानते हैं कि हम एक प्रभावी लोकपाल विधेयक के लिए प्रतिबद्ध हैं और उम्मीद है कि हम भविष्य में अपने प्रयास में सफल होंगे।” इस पत्र को मंगलवार को सार्वजनिक किया गया।
प्रधानमंत्री ने हिंदी में लिखे अपने पत्र में कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने और प्रशासन सुधारने के लिए एक व्यापक एजेंडे पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार चुनावी सुधारों से सम्बंधित कई प्रस्तावों पर भी विचार कर रही है। राइट टू रिजेक्ट सुझाव पर विचार किया जा रहा है जिसका उल्लेख आप ने भी किया है।”
हिसार में 13 अक्टूबर को होने वाले लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस को हराने की अन्ना हजारे के आह्वान पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने गांधीवासी से पूछा कि उन्हें कांग्रेस विरोधियों के साथ अपने जुड़ाव पर विचार करना चाहिए और देखना चाहिए कि इससे कौन लाभान्वित हो रहा है।
अन्ना हजारे को लिखे खुले पत्र में दिग्विजय ने कहा, “आप कांग्रेस विचारधारा की मुखालफत करने वाले लोगों से घिरे हैं। चाहे वह शांति भूषण हों, उनके पुत्र प्रशांत हों अथवा आपके सहयोगी अरविंद केजरीवाल..वे सभी कांग्रेस के विरोधी हैं..वे अपना राजनीतिक हित साधने में लगे हैं और आपकी स्वच्छ छवि का इस्तेमाल कर रहे हैं।” सिंह ने मंगलवार को यह पत्र मीडिया को जारी किया।
वहीं, अन्ना हजारे पक्ष ने कांग्रेस के हमलों का जवाब देते हुए कहा कि यदि उनके अभियान से विपक्ष को मदद मिलती है तो इसके लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए।
अरविंद केजरीवाल ने कहा, “हमारे अभियान से यदि विपक्ष को किसी तरह का भा लाभ मिलता है तो इसके लिए हमें जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए।”
हिसार में गुरुवार को मतदान होना है। इसके पहले वहां पत्रकारों से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा, “हम व्यवस्था में परिवर्तन की लड़ाई लड़ रहे हैं। हम किसी के लिए प्रचार नहीं कर रहे हैं अथवा किसी खास उम्मीदवार के पक्ष में मत देने के लिए कह रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “यदि इससे विपक्ष लाभान्वित होता है तो हम इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं। इसके लिए जिम्मेदार कांग्रेस है।”
सिंह ने कहा, “सामाजिक कार्यकर्ता ऐसे लोगों के प्रभाव में आकर अपने मूल्यों के खिलाफ एक पक्षीय निर्णय ले रहे हैं।”
सिंह ने पूछा, “आपके फैसलों से कौन लाभान्वित हो रहा है इस पर आप जरूर विचार करें।”
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ सामाजिक कार्यकर्ता के सम्बंधों को लेकर उनकी विश्वसनीयता पर संदेह खड़ा करते हुए सिंह ने कहा, “आपका यह बयान जिसमें आपने कहा है कि आपको यह जानकारी नहीं है कि आरएसएस ने आपके आंदोलन का समर्थन किया, आपकी विश्वसनीयता पर संदेह खड़ा करता है।”
दिग्विजय ने कहा है, “जब भी मैंने यह बात कही है कि आपके भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में आरएसएस शामिल हैं, तो आपने कहा है कि मुझे पागलखाने भेज दिया जाए।”
सिंह ने अन्ना हजारे से कहा है कि उन्हें संसद पर भरोसा रखना चाहिए। संसद ने भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल विधेयक पर उनकी तीन मांगों का समर्थन किया है। सिंह ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया है कि इसके बाद भी वह आखिर जनता से कांग्रेस के खिलाफ वोट देने के लिए क्यों कह रहे हैं।
सिंह ने कहा, “आप जानते हैं कि लोकपाल विधेयक को पारित करने की प्रक्रिया शीतकालीन सत्र में पूरी कर ली जाएगी। अच्छा तो यह होता कि अन्ना जैसे साफ-सुथरे लोग मुख्यधारा की राजनीति में शामिल होते।”
काले धन के मामले पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए सिंह ने कहा कि इस पार्टी के नेताओं ने अपने शासन 1998 से 2004 के दौरान काला धन वापस लाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
सिंह ने कहा, “आप ने भाजपा के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठाई। आप कांग्रेस की काफी आलोचना करते हैं जबकि राज्य में नौ वर्षो तक लोकायुक्त की नियुक्त न करने वाले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की आप प्रशंसा करते हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं आपका सम्मान करता हूं। राजनीति में शामिल होने पर आपका स्वागत है लेकिन आप अपने सहयोगियों का चुनाव सावधानीपूर्वक करें।”
वहीं, दिग्विजय सिंह को निशाने पर लेते हुए भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, “आरएसएस देशभक्ति का स्कूल है..उसने आपातकाल के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी है और उसे देशभक्ति की सीख दिग्विजय सिंह से लेने की जरूरत नहीं है।”