ताजा आधिकारिक आकड़े बताते हैं कि सितम्बर में थोक कीमतों पर आधारित देश की वार्षिक महंगाई दर 9.72 प्रतिशत थी। महंगाई की यह स्थिति रिजर्व बैंक द्वारा दरों में एक और वृद्धि की सम्भावना को मजबूत करती है। अगस्त में वार्षिक महंगाई 9.78 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
सितम्बर लगातार 10वां ऐसा महीना है, जब महंगाई नौ प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। और इससे रिजर्व बैंक पर दरें बढ़ाने का दबाव बना हुआ है।
प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई इस बैठक में योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी. रंगराजन और वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु हिस्सा ले रहे हैं।
रंगराजन ने कहा, “बैठक मौजूदा आर्थिक हालात पर बुलाई गई है। हम वृद्धि और महंगाई पर चर्चा करेंगे और इस संदर्भ में नीतिगत विकल्पों पर विचार करेंगे।”
यद्यपि रिजर्व बैंक ने अतीत में कई बार संकेत दिया है कि वह महंगाई नीचे आने तक आक्रामक रुख बनाए रखेगा, लेकिन जुलाई और अगस्त में खराब औद्योगिक उत्पादन रिजर्व बैंक को दरें बढ़ाने पर एक तरह रोक लगा रहा है।