मनमोहन सिंह ने राष्ट्रीय नवप्रवर्तन परिषद की पिछले वर्ष की रपट जारी करने के बाद कहा कहा, “देश के सामाजिक-आर्थिक प्रक्रिया एवं विकास में नवप्रवर्तन को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।” सिंह ने एक पोर्टल भी लांच किया जो देश में नवप्रवर्तनों के लिए सूचना के भंडार के रूप में काम करेगा।
मनमोहन सिंह ने कहा कि केवल रचनाधर्मिता और नवप्र्वतन के जरिए ही देश की स्थिति के अनुकूल समाधान हम हासिल कर सकते हैं।
मनमोहन सिंह ने कहा कि नवप्रवर्तन एक वास्तविक तस्वीर बदलने वाला है। उन्होंने कहा कि यह देश को वृद्धिकारी परिवर्तन से क्रांतिकारी परिवर्तन की ओर ले जाएगा।
मनमोहन सिंह ने 2010 में सैम पित्रोदा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय नवप्रवर्तन परिषद की स्थापना की थी। इसका उद्देश्य देश में समग्र नवप्रवर्तन के लिए रणनीतियों पर चर्चा करना, उसका विश्लेषण करना और उसके क्रियान्वयन में मदद करना था। साथ ही 2010-2020 के लिए एक प्रारूप तैयार करना था। इस अवधि को नवप्रवर्तन का दशक घोषित किया गया है।
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा और आटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में हुई अभिनव प्रगति की प्रशंसा करते हुए मनमोहन सिंह ने समानता की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि अभी तक नवप्रवर्तनों से ज्यादातर उच्च आय वर्ग को लाभ हुआ है और इसलिए अब सामान्य लोगों को लाभ पहुंचाने पर जोर दिया जाना चाहिए।