नई दिल्ली ।। सर्वोच्च न्यायालय ने अमरनाथ यात्रा को ‘पाखंड’ करार देने वाले बयान के लिए स्वामी अग्निवेश को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्हें अपने शब्दों पर दोबारा गौर करना चाहिए, क्योंकि इससे लाखों लोगों की भावना आहत हुई है।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एच. एल. दात्तू और न्यायमूर्ति सी. के. प्रसाद की खंडपीठ ने मंगलवार को कहा कि उन्हें कोई भी बात कहने से पहले उस पर विचार कर लेना चाहिए कि इससे लोगों की भावनाएं न आहत हों।
न्यायालय ने कहा कि सार्वजनिक जीवन के लोगों को कोई भी बयान देने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। न्यायालय का यह निर्देश अग्निवेश की उस याचिका पर सुनवाई के बाद आया है, जिसमें उन्होंने साल की शुरुआत में उक्त बयान पर हरियाणा के हांसी जिले में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था।
उल्लेखनीय है कि हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु जम्मू एवं कश्मीर में अमरनाथ यात्रा पर जाते हैं। अमरनाथ की पवित्र गुफा में हर साल बर्फ से शिवलिंग की आकृति अपने आप बनती है, जिसे लोग भगवान शिव के प्रतीक के रूप में देखते हैं।