एक याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय द्वारा नियुक्त वकील गोपाल सुब्रह्मण्यम ने यह बात कही। याचिका में जांच सीबीआई को हस्तांतरित करने के 12 जनवरी 2010 के फैसले को वापस लेने की मांग की गई है।
सुब्रह्मण्यम ने अदालत से यह निर्देश जारी करने के लिए कहा कि किसी भी क्षेत्र का कोई व्यक्ति अथवा सरकार जांच में हस्तक्षेप नहीं करेगा।
न्यायालय को बताया गया कि मामले की जांच में कई खामियां हैं और जांच एजेंसी को इन कमियों को दूर करने के लिए निर्देश दिया जाना चाहिए।
सुब्रह्मण्यम ने न्यायमूर्ति आफताब आलम एवं न्यायमूर्ति आर.पी. देसाई की खंडपीठ को बताया, “जांच के लिए सीबीआई के निदेशक को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए। वह व्यक्तिगत रूप से जांच पर नजर रखेंगे और न्यायालय को रिपोर्ट देंगे।”
न्यायालय मामले की अगली सुनवाई 13 दिसम्बर को करेगा।