राज्यसभा में संसद की स्थाई समिति के अध्यक्ष अभिषेक मनु सिंघवी (कांग्रेस) और लोकसभा में पिनाकी मिश्रा (बीजू जनता दल) ने विधेयक का मसौदा पेश किया। संसद के बाहर संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए सिंघवी ने कहा कि लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने की सिफारिश की गई है, जबकि प्रधानमंत्री को इसके दायरे में रखने का फैसला संसद पर छोड़ दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इस बारे में तीन राय थी- प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में रखा जाए, नहीं रखा जाए और उन्हें शामिल करने का फैसला स्थगित कर दिया जाए।
मसौदे की जांच अब केंद्रीय कानून मंत्रालय व केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा की जाएगी और फिर इसे संसद में चर्चा तथा पारित कराने के लिए लाया जाएगा। संसद का शीतकालीन सत्र 22 दिसम्बर को समाप्त हो रहा है।