इधर, सरकार के दूसरे मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा है कि “अन्ना का आंदोलन भटका हुआ आंदोलन है और भगवान ही इसके मालिक हैं।”
गौरतलब है कि संसद की स्थायी समिति ने लोगों और संस्थाओं से लोकपाल विधेयक पर सुझाव मांगा है। स्थायी समिति ने अखबारों में विज्ञापन देकर इस मुद्दे पर राय मांगी है।
इस विज्ञापन के मुताबिक, लोग 4 सितंबर तक अपने सुझाव भेज सकते हैं। लोकपाल मुद्दे पर समिति की अगली बैठक 4 सितंबर को होगी।
उधर, स्थायी समिति की इस कवायद का टीम अन्ना पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है। अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि स्थायी समिति की कवायद सिर्फ वक्त की बर्बादी है। उनका कहना है कि सरकारी लोकपाल बिल को पूरी तरह से बदलना होगा, इसमें सुधार या संशोधन की गुंजाइश नहीं है। अरविंद केजरीवाल के इसी बयान पर नारायण सामी का बयान आया है।