हैदराबाद ।। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने गुरुवार को तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेता चेरुकु सुधाकर को रिहा करने का आदेश देते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत उनकी गिरफ्तारी को अवैध ठहराया।
सुधाकर की पत्नी, टीआरएस एवं तेलंगाना अधिवक्ताओं के संयुक्त कार्रवाई समिति की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने उन्हें तत्काल जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी किया।
सरकार द्वारा टीआरएस पोलित ब्यूरो के सदस्य को 12 महीने के लिए जेल भेजने के दो दिन बाद यह आदेश आया है।
खंडपीठ ने पाया कि सरकार ने सुधाकर को वामपंथी आंदोलन से उनके पूर्व जुड़ाव के आधार पर गिरफ्तार किया है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि पेशे से चिकित्सक सुधाकर नालगोंडा में शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे थे लेकिन अलग तेलंगाना राज्य के लिए आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हें झूठे मामलों में फंसाया गया।
सरकार के इस कदम से तेलंगाना समर्थक भड़क गए और सुधाकर की रिहाई की मांग को लेकर बुधवार को पूरे क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन किया।
टीआरएस नेता को तटीय आंध्र प्रदेश से आ रही बसों पर पत्थर फेंकने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और उनपर रासुका लगा दिया गया। सुधाकर की गिरफ्तारी उस वक्त हुई तब वह अपनी पुत्री के विवाह में व्यस्त थे।