नई दिल्ली ।। भ्रष्टाचार के खिलाफ माहौल को भुनाने और केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ाने के लिए वाम मोर्चा और उसके कुछ सहयोगी दलों ने मंगलवार को सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। वामदलों के अलावा तेदेपा, अन्नाद्रमुक, बीजद, जद-एस और रालोद भी मोर्चे में शामिल होंगे।
सोची-समझी रणनीति के तहत इस बार इन पार्टियों ने दिल्ली में कोई बड़ा कार्यक्रम न करने का फैसला किया है। प्रमुख प्रदर्शन इन पार्टियों के प्रभाव वाले प्रदेशों में सीमित होगा। मगर संसद परिसर में इन नौ दलों के सदस्य गांधी प्रतिमा के सामने कुछ समय तक सांकेतिक धरने पर बैठेंगे। वाम दल, खासतौर पर भाकपा ने भारत बंद का प्रस्ताव दिया था, मगर अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जयललिता और बीजद नेता इसके समर्थन में नहीं थे।
उधर, संसद के भीतर सरकार को घेरने के लिए भाजपा तैयार है। सोमवार को लालकृष्ण आडवाणी के निवास पर राजग की बैठक में इसकी रणनीति बन गई है।