गाजियाबाद ।। उत्तराखण्ड में लोकायुक्त के गठन के लिए विधेयक पारित किए जाने को देश से भ्रष्टाचार मिटाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि सबकी नजरें केंद्र सरकार पर टिकी हैं कि वह इसे मंजूरी देती है या नहीं।
केजरीवाल ने कहा, “उत्तराखण्ड सरकार के विधेयक को केंद्र सरकार की मंजूरी की जरूरत है। हमें देखना है कि केंद्र सरकार इसका अनुमोदन करती है या नहीं। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए लोकपाल विधेयक में कहा गया है कि प्रत्येक राज्य में लोकायुक्त का गठन होगा और हमें देखना है कि केंद्र सरकार उत्तराखण्ड के विधेयक को कहीं कमजोर तो नहीं कर देगी।”
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम ऐतिहासिक और साहसिक है।
केजरीवाल ने कहा, “उत्तराखण्ड सरकार के साथ हमारी टीम की केवल तीन बैठकें हुई थीं और उसके बाद विधेयक पारित किया गया, जबकि केंद्र सरकार के साथ हमारी नौ बार बैठकें होने के बाद अगस्त में जो नया कानून लाया गया वह भ्रष्टों को दंडित करने के बजाय उन्हें संरक्षण देने वाला था।”
उन्होंने कहा कि यदि सरकार जन लोकपाल विधेयक को पारित नहीं कराती है और उत्तराखण्ड सरकार के विधेयक को लेकर बैठ जाती है तो इसका नकारात्मक संदेश जाएगा।