उन्होंने पश्चिम चम्पारण के गंडक नदी पर बन रहे बिहार और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले रतवल-धनहा निर्माणाधीन पुल के कायरें का अवलोकन किया और कई आवश्यक निर्देश दिए। इस क्रम में उन्होंने कार्य में शिथिलता बरतने वाले अभियंताओं की जमकर फटकार लगाई और समय सीमा के भीतर कार्य पूरा करने का निर्देश दिया।
उनके साथ राज्य के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी और राज्य के पुलिस महानिदेशक अभयानंद भी मौजूद थे। इसके बाद मुख्यमंत्री लौरिया स्थित चीनी कारखाना गए, जहां किसानों से मिलकर उनकी समस्याओं की जानकारी ली तथा गóो का उत्पादन बढ़ाने की अपील की। इसके बाद उन्होंने चीनी मिल की स्थिति की समीक्षा की।
इसके पूर्व ‘सेवा यात्रा’ के लिए मुख्यमंत्री पटना से पश्चिम चम्पारण के लिए रवाना हुए। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का वास्तविक लाभ लोगों तक पहुंच रहा अथवा नहीं।
पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए नीतीश ने कहा, “मेरी प्राथमिकता राज्य में चल रही जन कल्याणकारी योजनाओं की हकीकत जानना तथा प्रखंड, गांवों में जाकर लोगों की समस्याओं को जानना है।” उन्होंने कहा कि वह इसके पूर्व भी ऐसा करते रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस दौरान सेवा के अधिकार कानून का भी अध्ययन करेंगे और देखेंगे कि इसका सही लाभ लोगों को कितना मिल रहा है।
मुख्यमंत्री पश्चिम चम्पारण में चार दिन तक रहेंगे। इस मौके पर राज्य के कई मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी हवाईअड्डे पर मौजूद थे।
पश्चिम चम्पारण जिले से प्रारम्भ होने वाली यह यात्रा सीवान में समाप्त होगी। एक जिले में मुख्यमंत्री दो से चार दिनों तक प्रवास करेंगे। उनके साथ आला अधिकारियों का एक दल रहेगा। इस दौरान वे विकास योजनाओं का औचक निरीक्षण करेंगे। इस यात्रा के प्रथम चरण में वे दस जिलों का भ्रमण करेंगे। योजनाओं की समीक्षा के बाद हर जिले में एक सभा होगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अब तक विकास यात्रा, न्याय यात्रा, प्रवास यात्रा, धन्यवाद यात्रा कर चुके हैं।