राज्य में यात्रा की शुरुआत करने से पहले शनिवार सुबह आडवाणी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात कही। पूर्व उपप्रधानमंत्री आडवाणी शुक्रवार देर रात तिरुवनंतपुरम पहुंचे थे।
आडवाणी ने कहा, “मेरी पार्टी का विचार है कि जम्मू एवं कश्मीर में सेना के योगदान को हमेशा याद किया जाना चाहिए। राज्य में सुरक्षाबलों की स्थिति कमजोर करने के लिए कुछ भी नहीं किया जाना चाहिए। एएफएसपीए को वहां से हटाने की जरूरत नहीं है।”
आडवाणी ने हालांकि कहा कि मणिपुर को एक अलग मामले के तौर पर देखा जाना चाहिए।
एएफएसपीए, जम्मू एवं कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों को विशेष अधिकार देता है। कश्मीर घाटी में यह वर्ष 1990 जबकि जम्मू क्षेत्र में 2001 में लागू किया गया था।
आडवाणी ने कई वर्षो तक श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के खजाने की रक्षा करने के लिए त्रावणकोर के राजघराने की भी प्रशंसा की।
आडवाणी ने कहा कि मंदिर का खजाना अभी एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है और इसे त्रावणकोर के राजपरिवार द्वारा कई वर्षो तक सुरक्षित सम्भाल कर रखा गया। इस परिवार ने एक बड़ी जिम्मेदारी का निर्वहन किया है और इसके लिए सराहना की जानी चाहिए।