भोपाल ।। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अधिकतर मंत्रियों को घोषणावीर कहने पर राज्यसभा सांसद रघुनंदन शर्मा को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष पद से हटाए जाने का कोई मलाल नहीं है। वह अपने बयान को कड़वा तो मानते हैं मगर गलत नहीं।
पद से हटाए जाने के बाद शर्मा ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि वह संगठन के फैसले को कोई चुनौती नहीं देना चाहते, बल्कि विनम्रता से लेते हैं। उज्जैन में उन्होंने जो भाषण दिया था, वह आवेश व आवेग में हो सकता है, मगर उसमें दुर्भावना नहीं थी। जो उन्होंने बात कही वह बात गलत नहीं थी, कड़वी जरूर हो सकती है।
पद से हटाए जाने का शर्मा को कोई मलाल नहीं है। वह कहते हैं कि पद जाने से कभी न तो दुख हुआ और न ही पद मिलने से प्रसन्नता होती है। उन्हें पदों की लालसा कभी नहीं रही है। उन्होंने कहा कि वह समर्पित कार्यकर्ता हैं तथा उसी भाव से काम करते रहे हैं।
शर्मा ने कहा है कि पद से हटाने तथा कारण बताओ नोटिस जारी करने की जानकारी उन्हें मिली है, मगर अभी तक नोटिस नहीं देखा है। उसका अध्ययन करने के बाद अपनी राय जाहिर करेंगे।
मालूम हो कि उज्जैन में एक कार्यक्रम के दौरान शर्मा ने कहा था कि राज्य सरकार के अधिकतर मंत्री लगातार घोषणाएं किए जा रहे हैं, आखिर वे ऐसा क्यों न करें क्योंकि उनका मुखिया भी तो घोषणाएं करता है। इस तरह सभी घोषणावीर हो गए।