चिदम्बरम पर एक होटल व्यवसायी एस. पी. गुप्ता के खिलाफ दर्ज मामला वापस लेने का आदेश देने का आरोप है। आरोप है कि चिदम्बरम ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए यह आदेश दिया था। चिदम्बरम ने वर्ष 1999 में अदालत में उक्त व्यवसायी की पैरवी की थी।
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा सदस्य हंगामा करने लगे। हंगामा तब भी नहीं रुका जब सभापति हामिद अंसारी एक पूर्व सांसद राज बहादुर गौड़ के निधन पर शोक प्रस्ताव पढ़ रहे थे। इससे वह नाराज हो गए।
उन्होंने कहा, “यदि आप एक-दूसरे का सम्मान नहीं कर सकते तो कम से कम दिवंगत सदस्य का तो सम्मान कीजिए।”
अंसारी की इस बात पर सदन में थोड़ी शांति हुई। सांसदों ने दिवंगत पूर्व सदस्य के लिए खड़े होकर कुछ समय के लिए मौन रखा। लेकिन मौन के तत्काल बाद शोर फिर शुरू हो गया। सभापति ने विपक्षी सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने को कहा, लेकिन उन्होंने उनकी बात अनसुनी कर दी।
इस पर उन्होंने कहा, “चूंकि प्रश्नकाल नहीं हो सकता, लिहाजा सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित की जाती है।” लेकिन दोपहर 12 बजे कार्यवाही शुरू होने के बाद हंगामा फिर शुरू हो गया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
यही स्थिति लोकसभा में भी रही। विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही पहले दोपहर तक और फिर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।
शिवसेना के सांसदों ने कर्नाटक में मराठी भाषी लोगों के खिलाफ कथित अत्याचार के मुद्दे को भी उठाया और इस पर अपना विरोध जताया।