कुछ साल पहले कंप्यूटर का अस्तित्व ही नहीं था लेकिन आज टेक्नोलॉजी ने इतनी तरक्की कर ली है कि हर घर में कंप्यूटर मौजूद है। कहते हैं कि इंसान के दिमाग से भी तेज कंप्यूटर चलता है और इसी वजह से अब कंप्यूटर हमारे काम का एक अहम हिस्सा बन चुका है।
लेकिन आज हम आपको कंप्यूटर नहीं बल्कि सुपर कंप्यूटर के बारे में बताने वाले हैं। जी हां, अब कंप्यूटर नहीं बल्कि सुपर कंप्यूटर का दौर है। सुपर कंप्यूटर का नाम सुनकर आप भी सोच रहें होंगें कि सुपर में हमारे वाले कंप्यूटर से क्या अलग है। तो चलिए आपके इस सवाल का जवाब भी दे देते हैं।
क्या है सुपर कंप्यूटर
सुपर कंप्यूटर एक खास तरह का कंप्यूटर है जिसमें उच्च स्तर की कैलकुलेशन और कंप्यूटिंग परफॉर्म कर सकता है। सुपर कंप्यूटर किसी भी समय में उपलब्ध सी कंप्यूटर्स की तुलना में सबसे पॉवरफुल और तेज चलता है।
जब पॉवर और तेज प्रोसेसिंग एवं रियल टाइम टास्क की जरूरत होती है तो सुपर कंप्यूटर्स का प्रयोग किया जाता है। शुरुआत में सुंपर कंप्यूटर्स को साइंटिफिक और इंजीनियरिंग एप्लीकेशंस काम में ली जाती थीं जिनमें बहुत बड़े डाटाबेस और हाई लेवल कंप्यूटेशन की जरूरत होती है।
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कहां काम करता है सुपर कंप्यूटर
आपको बता दें कि सुपर कंप्यूटर की कीमत बहुत ज्यादा होती है और ये बहुत पॉवरफुल भी होते हैं। इन्हें सिर्फ स्पेशलाइज्ड एप्लीकेशंस की जरूरत पर ही प्रयोग किया जाता है।
क्वांटम मैकेनिक्स, मौसम पूर्वानुमान, जलवायु अनुसंधान, तेल और गैस की खोज, आणविक मॉडलिंग, एनिमेटेड ग्राफिक्स, द्रव गतिशील गणना, परमाणु ऊर्जा अनुसंधान आदि में सुपर कंप्यूटर की जरूरत पड़ती है।

अब हम आपको सुपर कंप्यूटर उन सुपर कंप्यूटर्स के बारे में बताएंगें जिनकी कंफिग्रेशन बेहतरीन है।
सनवे ताईहुलाइट
आज दुनिया में सबसे तेज सुपर कंप्यूटर सनवे ताईहुलाइट का है। ये सुपर कंप्यूटर 125 पेटा फ्लोप्स में है और इसे वुक्सी के नेशनल सुपरकंप्यूटिंग सेंटर में तैयार किया गया है। इसमें 10.6 मिलियन कोर्स लगी हैं और इसका प्रयोग मौसम का पूर्वानुमान लगाने और आंकड़ों के विश्लेषण आदि के लिए किया जाता है। दुनिया का सबसे बेहतरीन सुपर कंप्यूटर होने के साथ-साथ ताइहुलाइट चौथा सबसे अधिक ऊर्जा बचाने वाला सिस्टम है।
पिज़ डेंट
साल 2016 के आखिर में स्विट्जरलैंड के लुगानो में पिज़ डेंट सुपर कंप्यूटर लॉन्च किया गया था। इसकी कंप्यूटिंग परफॉर्मेंस बेहतरीन है और थ्योरेटिकल पीक परफॉर्मेंस के मामले में ये 19.6 पेटा फ्लोप्स है। इसे एशिया का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर कह सकते हैं।
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टाइटन
पश्चिम देशों में टाइटन का सुपरकंप्यूटर सबसे तेज माना जाता है। इसमें एएमडी ऑप्टेरॉन सीपीयू और एनवीआईडीआईए टेस्ला जीपीयू लगा है और इसकी थ्योरेटिकल पीक 27 पेटा फ्लोप्स है। ये सुपरकंप्यूटर शोधकर्ताओं को जलवायु विज्ञान, खगोल भौतिकी और आण्विक भौतिकी में आवश्यक जटिल जानकारी प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।

Sequoia
ये उन्नत हथियार विज्ञान गणना करके परमाणु युद्ध के जोखिम को मापने के लिए बनाया गया एक सुपर कंप्यूटर है। इसे कैलिफोर्निया के लॉरेंस लिवरमोर नेशनल लैबोरेट्री में तैयार किया गया है। 98,304 नोड्स के साथ ये पांच सबसे पॉवरफुल सुपर कंप्यूटर्स में से एक है। इसमें 17.2 पेटा फ्लोप्स की स्पीड है।
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Cori (NERSC)
कैलिफोर्निया के ओकलैंड के पास स्थित राष्ट्रीय ऊर्जा अनुसंधान वैज्ञानिक कंप्यूटिंग सेंटर ने अपने नवीनतम सुपरकंप्यूटर को ‘कोरी’ नाम दिया है। ये सिस्टम क्रे एक्ससी30 पर बना है और इसे 1970 के दशक में सुपरकंप्यूटर परफॉर्मेंस में बड़ी सफलता के लिए जिम्मेदार कंपनी द्वारा निर्मित किया गया है। इसकी प्रोसेसिंग स्पीड 29.1 पेटा फ्लोप्स है।
भारत का सबसे तेज और पहला सुपरकंप्यूटर
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने इसी साल 8 जनवरी को भारत का सबसे तेज और प्रथम मल्टी पेटा फ्लोप्स सुपर कंप्यूटर लॉन्च किया। इसे देश का पहला और सबसे तेज सुपर कंप्यूटर कहा जा रहा है और इसी वजह से इसका नाम सूर्य के उपनाम प्रत्यूष पर रखा गया है।
इस सुपर कंप्यूटर को लॉन्च करने के बाद भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बन गया है जिसके पास एचपीसी क्षमता द्वारा मौसम और जलवायु की जानकारी हासिल करने की क्षमता है।
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