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भारत की शान सचिन तेंदुलकर ने अपने जीवन में कुछ ऐसे कारनामे किए हैं

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भारतीय क्रिकेट में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सचिन तेंदुलकर के बल्‍ले का जोर चलता है। क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को मास्‍टर ब्‍लास्‍टर के नाम से जाना जाता है और उन्‍होंने अपने करियर में कई शानदार रिकॉर्ड्स बनाए हैं।

आज हम आपको सचिन तेंदुलकर के बारे में कुछ दिलचस्‍प बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में आपने शायद ही कभी सुना होगा।

तो चलिए जानते हैं सचिन तेंदुलकर की जिंदगी से जुड़ी खास और दिलचस्‍प बातों के बारे में…

सचिन तेंदुलकर की दिलचस्‍प बातें

  • युवा सचिन को डेनिस लिली एमआरएफ पेस फाउंडेशन द्वारा 1987 में रिजेक्‍ट कर दिया गया था।
  • सचिन तेंदुलकर राज्‍य सभा में एक्टिव भारत के पहले क्रिकेटर हैं।
  • 1987 में विश्‍व कप के दौरान सचिन भारत और जिम्‍बाब्‍वे के मैच के बीच बॉल ब्‍वॉय बने थे और उस समय उनकी उम्र महज़ 14 साल थी।

पाकिस्‍तान के लिए की फील्डिंग

20 जनवरी 1987 को सचिन 14 साल तक के भी नहीं थे। वहीं पाक टीम भारत के दौरे पर आई हुई थी। मुंबई के ब्रेबोर्न स्‍टेडियम में प्रैक्टिस मैच चल रहा था, 40 ओवर के इस मैच में जब आखिरी घंटा चल रहा था तब पाकिस्‍तान के दो सीनियर क्रिकेटर जावेद मियांदाद और अब्‍दुल कादिर आराम फरमाने होटल चले गए। तब इमरान खान के कहने पर अगले 25 मिनट तक सचिन ने पाकिस्‍तानी टीम के लिए फील्डिंग की।

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सबसे अमीर खिलाड़ी

अक्‍टूबर 1995 में सचिन वर्ल्‍ड टेल के साथ 31.5 करोड़ का करार साइन किया था जिसके बाद वो सबसे अमीर क्रिकेटर बन गए थे।

  • जूनियर होने के दिनों में सचिन तेंदुलकर अपने क्रिकेट गियर के साथ ही सो जाया करते थे।
  • बहुत कम लोग इस बात के बारे में जानते हैं कि सचिन को परफ्यूम और घड़ी कलेक्‍ट करने का शौक है और उनके पस कई ब्रांडेड घडियां और परफ्यूम हैं।
  • अपको जानकर हैरान होगी कि सचिन की पहली कार मारुति 800 थी।
  • 14 साल की उम्र में मुंबई में रणजी टीम में सचिन शामिल हुए थे। इतनी कम उम्र में रणजी ट्रॉफी में शामिल होने वाले सचिन पहले खिलाड़ी थे।

पाकिस्‍तान के खिलाफ अपने पहले टेस्‍ट मैच में सचिन सुनील गावस्‍कर द्वारा तोहफे में दिए गए पैड्स को पहनकर खेले थे।

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वर्ल्‍ड कप में हुआ कुछ खास

जजब 1996 में वर्ल्‍डकप हुआ तब सचिन के बैट पर किसी भी कंपनी का लोगो नहीं था और इसके तुरंत बाद ही एमआरएफ कंपनी ने सचिन के साथ करार कर लिया।

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रणजी, दलीप और ईरानी ट्रॉफी के अपने पहले ही मैचों में सचिन ने शतक जड़ दिए थे। वो ऐसा करने वाले भारत के एकमात्र खिलाड़ी हैं। आजतक कोई भी उनका ये रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाया है।

सचिन और सौरभ गांगुली भी एक-दूसरे के बहुत करीब हैं और सचिन सौरभ दादा को बाबू मोशाय और गांगुली उन्‍हें छोटा बाबू कहकर बुलाते हैं।

ये विज्ञापन ना करने की खाई कसम

अपने करियर की शुरुआत में ही सचिन को अपने पिता से शराब और सिगरेट के विज्ञापनों से दूर रहने की सलाह दी थी और सचिन ने भी अपने पिता से वादा किया था कि वो इस तरह के विज्ञापन कभी नहीं करेंगें और उन्‍होंने ये वादा निभाया भी।

सचिन तेंदुलकर भारत की शान लेकिन अब रिटायर होने के बाद उनके बच्‍चे इंग्‍लैंड की तरफ से भी खेल सकते हैं। उनकी नानी यानि सचिन की पत्‍नी की मां इंग्‍लैंड से ही हैं।

अपने क्रिकेट के करियर में अब तक सचिन को पद्म विभूषण, राजीव गांधी, महाराष्‍ट्र भूषण अवॉर्ड, पद्मश्री, अर्जुन अवॉर्ड और भारत रत्‍न से भारत सरकार द्वारा सम्‍मानित किया जा चुका है।

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सचिन तेंदुलकर उल्‍टे हाथ के बल्‍लेबाज़ हैं लेकिन वो सीधे हाथ से बल्‍लेबाजी करते हैं। बॉलिंग के लिए सीधा और ऑटोग्राफ देने के लिए उल्‍टे हाथ का इस्‍तेमाल करते हैं।

1995 में जब रोज़ा फिल्‍म रिलीज़ हुई थी तो सचिन नकली दाढ़ी-मूंछ लगाकर थिएटर में मूवी देखने गए थे। वहां पर उनका चश्‍मा गिर गया और तभी वहां मौजूद सभी लोगों ने उन्‍हें पहचान लिया।

अपने करियर में सचिन ने इतने ज्‍यादा रिकॉर्ड और रन बनाए हैं कि उन्‍हें क्रिकेट का भगवान कहा जाने लगा है। आप भी अगर सचिन के करियर पर नज़र डालें तो आपको समझ आ जाएगा कि उन्‍हें ऐसा क्‍यों कहा जाता है।

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