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ताजमहल के बाद यह है 1728 में बनी दूसरी अमर प्रेम की निशानी

Picture Credit : Google Maps

पिंक सिटी के नाम से मशहूर शहर, जयपुर वैसे तो जाना जाता है अपने किलों के लिए, लेकिन शहर में एक बहुत ही पुराना और ख़ूबसूरत पार्क मौजूद है जिसके बारे में आज हम आपको जानकारी देंगे।

1728 में जयपुर के राजा सवाई जय सिंह ने इस पार्क का निर्माण करवाया था। उन्हें अपनी दूसरी पत्नी रानी सिसोदिया से बेहद ही प्रेम था और साथ ही साथ वह प्रकृति के भी प्रेमी थे।

प्रेम का स्मारकरानी सिसोदिया पार्क

उन्होंने इस पार्क का निर्माण अपनी दूसरी पत्नी के लिए करवाया और उसका नाम भी उन्हीं के नाम पर रखा। जयपुर शहर से करीब 6 किमी दूर स्थि‍त हैरानी सिसोदिया पार्क

आइए जानते हैं इस पार्क से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य जो बनाते हैं इसे बेहद ही आकर्षक और आपको मजबूर कर देंगे वहाँ जाकर कुछ वक़्त बिताने को।

मुग़ल और भारतीय कला का संगम

जैसे ही आप इस पार्क में पहुचेंगे आप देखेंगे कि जो भी कलाकृतियां यहाँ मौजूद हैं उनमें मुग़ल और भारतीय शैली की झलक मिलती है।

जयपुर में ऐसी और भी बहुत सी जगह हैं जहाँ आपको यह संगम देखने को मिलेगा। राजा सवाई जय सिंह को क़ला और प्रकृति में बेहद प्रेम था जो कि इस पार्क में साफ दिखाई देता है।

ताजमहल की तरह है ये प्रेम का स्मारक

जिस तरह ताजमहल प्रेम की निशानी है वैसे ही जयपुर स्‍थि‍त रानी सिसोदिया पार्क भी एक राजा का अपनी रानी के प्रति प्रेम का अनोखा उपहार है।

यह अपने समय का जयपुर का सबसे विशाल और ख़ूबसूरत पार्क था।

मल्टीलेवलआर्किटेक्चर का इस्‍तेमाल

पार्क में आप देखेंगे की मल्टीलेवल आर्किटेक्चर का इस्‍तेमाल किया गया है। पैदल चलने के लिए मार्ग बनाए गए हैं और बीच बीच में फँवारे भी बनाए गए हैं जो कि इस पार्क की ख़ूबसूरती को चार चाँद लगते हैं।

picture credit : proudjaipurites.com

किसी पार्क के निर्माण में मल्टीलेवल आर्किटेक्चर का इस्‍तेमाल ही उसे बाक़ी सभी पार्क से अलग बनता है।

भगवान शिव और हनुमान के मंदिर

पार्क के अंदर भगवान शिव और हनुमान के मंदिर मौजूद हैं। बीते समय में राजा रानी और आमेर राज्य के लोग अक्सर यहाँ पूजा पाठ करने आते होंगे। मंदिर का आर्किटेक्चर भी देखते ही बनता है।

Picture Source : travelogyindia.com

तरह तरह के फूलों से सजा है पार्क

जब से इस पार्क का निर्माण हुआ है, तभी से यहाँ तरह तरह के फूलों के पौधों को लगाया गया है जो इस पार्क को प्रकृति के और भी क़रीब ले जाते हैं।

राजस्थान जो कि मशहूर है अपने सूखे रेगिस्तान होने के लिए, ऐसे में इस तरह का विशाल पार्क का होना और उसे साल भर हराभरा रखना बहुत ही सराहनीय काम है।

भगवान कृष्ण की लीलाएँ

पार्क को प्रेम का स्मारक बनाने में अहम योगदान यहाँ मौजूद भगवान कृष्ण और राधा जी मूर्तियों का भी है।

तो कब जा रहे हैं आप सिसोदिया गार्डन?

जयपुर से कुछ 6 किमी दूर आगरा रोड पर स्थित यह पार्क सुबह 8 बजे से लेकर शाम को 6 बजे तक खुला रहता है। यहाँ जाने के लिए आपको कुछ 10-30 रुपये (विदेशी सैलानियों के लिए लगभग 50-200 रुपये) का शुल्क देना होगा।

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