दाएगू [दक्षिण कोरिया] ।। भारत की महानतम धाविका पी.टी. ऊषा की प्रतिभाशाली शिष्या मध्यम दूरी की धाविका टिंटू लुका 13वीं विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की 800 मीटर रेस के फाइनल में नहीं पहुंच सकीं। टिंटू सेमीफाइनल की हीट-2 में छठे स्थान पर रहीं। टिंटू की विदाई के साथ विश्व चैम्पियनशिप में भारत की पदक की दावेदारी समाप्त हो गई।
चैम्पियनशिप के सातवें दिन शुक्रवार को टिंटू ने हीट-2 में 2.00.95 मिनट का समय निकाला। वह आठ धाविकाओं के बीच छठे स्थान पर रहीं। इस सत्र में अपना श्रेष्ठ समय निकालने वाली टिंटू शुरुआती 500 मीटर तक दौड़ में बनी रहीं लेकिन अंत के 300 मीटर में उनका दमखम जवाब दे गया।
टिंटू ने 2.01.89 मिनट के समय के साथ सेमीफाइनल में स्थान पक्का किया था। वह 2010 में आयोजित आईएएएफ/वीटीबी बैंक कांटीनेंटल कप में फाइनल तक पहुंची थीं और 1.59.17 मिनट के साथ पांचवे स्थान पर रही थीं। यह उनका अब तक का श्रेष्ठ प्रदर्शन है। 2008 में वह विश्व जूनियर चैम्पियनशिप में सेमीफाइनल तक पहुंची थीं।
टिंटू से पहले मयूखा जॉनी [लम्बी कूद, तिहरी कूद], विकास गौड़ा [चक्का फेंक], हरवंत कौर [महिला चक्का फेंक], बाबूलाल पानूचा और गुरमीत सिंह [20 किलोमीटर पैदल चाल], ओम प्रकाश सिंह [शॉट पुट] ने निराशाजनक प्रदर्शन किया था।
मयूखा लम्बी कूद के फाइनल में पहुंची थीं, जहां वह नौवें स्थान पर रही थीं। इसके अलावा विकास भी फाइनल में पहुंचने में सफल रहे थे लेकिन उन्हें सातवें स्थान से संतोष करना पड़ा था। ओम प्रकाश और हरवंत क्वालीफाई नहीं कर सके थे जबकि गुरमीत और पानूचा क्रमश: 30वें और 31वें स्थान पर रहे थे।