चैत्र नवरात्र की शुरुआत 6 अप्रैल से हो रही है। इस दिन शनिवार और प्रतिपदा तिथि है। जो कि हिन्दू कैलेण्डर का पहला दिन माना जाता है। इस साल नवरात्र पूरे 9 दिनों के रहेंगे। चैत्र नवरात्र को वसन्त या वासंतिक नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है।
चैत्र नवरात्र के 9 दिनों में हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है। इसके अलावा नवरात्र की पंचमी पर लक्ष्मी जी वहीं अष्टमी और नवमी पर मां दुर्गा और कालिका की विशेष पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि श्रीराम की जन्म तिथि होने से इस दिन भगवान राम का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है।
चैत्र नवरात्र में देवी पूजा
चैत्र नवरात्र मां दुर्गा की पूजा का पर्व है। इस साल नवरात्र में मां घोड़े पर सवार होकर आएंगी। ये एक शुभ संकेत है। वहीं नवरात्र में 2 शनिवार भी पड़ रहे हैं। जिसके प्रभाव से देश में खुशहाली बढ़ेगी। देश उन्नति करेगा हालांकि देश में बड़े राजनितिक और आर्थिक बदलाव होने के भी योग बन रहे हैं।
चैत्र नवरात्र में पहले दिन यानी शनिवार, 6 अप्रैल को घट स्थापना की जाएगी और इस दिन शैलपुत्री के रुप में मां दुर्गा की पूजा होगी। फिर बाकी दिनों में क्रम से अन्य 8 रुपों में देवी की पूजा की जाएगी।
चैत्र नवरात्र की तिथियां, किस दिन कौन सी देवी की पूजा करें
6 अप्रैल प्रतिपदा तिथि – पहला नवरात्र : घट स्थापना और मां शैलपुत्री पूजा,
7 अप्रैल- द्वितिया तिथि दूसरा नवरात्र: मां ब्रह्मचारिणी पूजा
8 अप्रैल- तृतिया तिथि तीसरा नवरात्र: मां चंद्रघंटा पूजा
9 अप्रैल- चतुर्थी तिथि चौथा नवरात्र: मां कुष्मांडा पूजा
10 अप्रैल पंचमी तिथि – पांचवां नवरात्र: मां स्कंदमाता पूजा सरस्वती आह्वाहन
11 अप्रैल- षष्ठी तिथि छष्ठ नवरात्र : मां कात्यायनी पूजा
12 अप्रैल- सप्तमी तिथि सातवां नवरात्र: मां कालरात्रि पूजा
13 अप्रैल- अष्टमी तिथि आठवां नवरात्र: महागौरी पूजा
14 अप्रैल- नवमी तिथि: नवां नवरात्र सिद्धिदात्री माता की पूजा