श्रीनगर ।। हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के प्रमुख सैयद अली गिलानी के मंगलवार को बंद के ऐलान के बाद कश्मीर और श्रीनगर में जनजीवन प्रभावित हुआ।
राजनीतिक कैदियों और युवाओं की रिहाई को लेकर राज्य सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से गिलानी ने मंगलवार को बंद का आह्वन किया है।
हैदरपोरा स्थित अपने आवास में नजरबंद किए जाने के बाद गिलानी ने संवाददाताओं को फोन पर कहा, “मुख्यमंत्री के बयान के बाद भी ईद से पहले पथराव करने के मामले में गिरफ्तार किए गए किसी व्यक्ति को रिहा नहीं किया गया है। यह लोगों के साथ किया गया मजाक है।”
बंद के ऐलान के बाद जम्मू एवं कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में मंगलवार को दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सार्वजनिक वाहन भी सड़कों से दूर रहे। इसके अलावा बारामूला, सोपोर, गांदेरबल, बडगाम, बांदीपोरा और कुपवाड़ा में भी जनजीवन प्रभावित हुआ।
पुलिस की ओर से हालांकि शहर में किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है लेकिन सुरक्षा के मद्देनजर बड़ी संख्या में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को तैनात किया गया था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “शहर में कहीं भी किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए हम असामाजिक तत्वों को दूर रखने का प्रयास कर रहे हैं।”
उधर, राज्य कर्मचारियों की तीन दिवसीय कलमबंद हड़ताल भी बुधवार से शुरू हो रही है। कर्मचारी छठें वेतन आयोग के मुताबिक वेतन की मांग कर रहे हैं।