नई दिल्ली ।। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक 95 वर्षीय बूढ़ी महिला को अपनी बहू और उसके नवजात शिशु की 1996 में जलाकर हत्या करने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। निचली अदालत ने महिला को मामले से बरी कर दिया था।
न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति सुनील गौड़ की खण्डपीठ द्वारा दिया गया यह आदेश मंगलवार को उपलब्ध हुआ है।
आदेश में कहा गया है कि आरोपी सुमित्रा को हिरासत में ले लिया जाए और उसका जमानत बांड जब्त कर लिया जाए। पीठ ने सुमित्रा की बहू मीनू द्वारा मरने से पहले दिए गए बयान के आधार पर अपना फैसला सुनाया है।