लखनऊ ।। कोयले की कमी के कारण ताप विद्युत संयंत्रों में उत्पादन लड़खड़ा गया है। इसके चलते उत्तर प्रदेश में बिजली संकट गहरा गया है। उत्पादन में कमी के कारण प्रदेश में लोगों को त्योहारी मौसम में जबर्दस्त बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।
सूबे में बीते पखवाड़े भारी बारिश के चलते गीले कोयले की समस्या से बिजली उत्पादन में पहले ही गिरावट आ गई थी। अब कोल इंडिया के कर्मचारियों की हड़ताल ने परेशानी और बढ़ा दी है।
हड़ताल के चलते केंद्र और राज्य सरकार के ताप विद्युत सयंत्रों के लिए आवश्यक कोयला नहीं मिल पा रहा है और विद्युत उप्तादन प्रभावित हो रहा है।
उत्तर प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नवनीत सहगल ने संवाददाताओं को बताया, “प्रदेश में करीब 2,500 मेगावाट बिजली की कमी बनी हुई है। हम ज्यादा से ज्यादा बिजली की उपलब्धता के हर संभव प्रयास कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियां अगले कुछ दिनों तक जारी रह सकती हैं। ऐसे में प्रदेशवासियों से अपील है कि वे धैर्य बनाए रखें और ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन बिजली की उपलब्धता लगभग 9,000 मेगावाट रहती है। इन दिनों बिजली उपलब्धता घटकर 7,000 के आस-पास पहुंच गई है।