जयपुर ।। राजस्थान के कृषि मंत्री हरजीराम बुरड़क ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि कोई भी खेत ऐसा न रहे, जिसकी मिट्टी का परीक्षण न हुआ हो। कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रत्येक किसान को मृदा परीक्षण की पहल करनी होगी।
बुरड़क रविवार को नागौर जिले के लाडनूं में मृदा स्वास्थ्य और उवर्रता प्रबंधन कार्यक्रम के तहत नवनिर्मित मृदा परीक्षण केंद्र के उद्घाटन समारोह और राजस्थान कृषि विकास योजनांतर्गत आयोजित एक दिवसीय जिलास्तरीय कृषक गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मृदा की जांच करवाना बहुत जरूरी है। इसकी प्रकृति के अनरूप ही कौन सी खाद, जिप्सम या बीज अधिक कारगर सिद्ध होगा, इसका पता चल पाता है। किसान जिस खाद या बीज का उपयोग कर रहा है, वह जमीन उसके लायक नहीं होगी तो किसान को उतना लाभ नहीं हो पाएगा। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म तत्वों की कमी से उत्पादन प्रभावित होता है। वहीं मृदा परीक्षण के बाद मृदा उपचार से इस कमी को दूर किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि खेती और पशुपालन एक-दूसरे के पूरक हैं। किसानों को पशुपालन के माध्यम से भी आय में वृद्धि की राह अपनानी चाहिए। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार पशुपालकों के कल्याण के लिए संकल्पबद्ध है। इसके लिए भी अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने डेयरी, बकरी पालन, भेड़ पालन तथा नस्ल सुधार सहित अन्य कार्यक्रमों की जानकारी दी।