जिले के नाकेरकल में पथराव करने वालों पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं जिसमें कुछ कार्यकर्ता घायल हो गए जबकि पत्थरबाजी का शिकार हुए एक पुलिसकर्मी को गम्भीर चोटें आई। समर्थकों ने एक पुलिस वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। इस दौरान कोई यात्री घायल नहीं हुआ।
तेलंगाना की सीमा पर कई घंटे गाड़ियां रुकी रहीं, जिससे सैकड़ों यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
प्रदर्शन उस वक्त हिंसात्मक हो गया जब हैदारबाद से लगभग 300 किलोमीटर दूर विजयवाड़ा और अन्य तटीय इलाकों से आने वाली 50 से अधिक निजी बसों को अधिकारियों ने कृष्णा और नलगोंडा जिलों की सीमा के बीच गारिकापाडु जांच चौकी पर रोक दी। प्रदर्शकारी इस दौरान जय तेलंगाना के नारे लगा रहे थे।
पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे तेलंगाना समर्थकों को तितर बितर करने के लिए बल का इस्तेमाल किया। कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया।
पुलिस का कहना है कि बसों को कड़ी सुरक्षा के बीच हैदराबाद भेजा जा रहा था लेकिन निजी बस चालकों ने आरोप लगाया है कि नलगोंडा पुलिस ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने से इंकार कर दिया।
पुलिस अधिकारियों का हालांकि कहना है कि प्रत्येक वाहन को सुरक्षा मुहैया कराना खासा मुश्किल है, विशेषतौर से उस समय जब तेलंगाना समर्थकों ने प्रदर्शन के दौरान बसों को रोके जाने की चेतावनी दी हो।
बसों में सवार कुछ यात्रियों ने प्रशासन के खिलाफ अपना विरोध जताते हुए कहा कि उन्हें अपने कार्यालय पहुंचना है। इस पर पुलिस ने वाहनों को कोडड तक जाने की अनुमति दी।
पुलिस ने यात्रियों से कहा कि प्रदर्शनकारियों की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए वह बसों को नलगोंडा जिले से होकर गुजरने की इजाजत देने का खतरा मोल नहीं ले सकती।
एक बस यात्री ने कहा कि उसने कुछ बसों को जांच चौकी से विजयवाड़ा की तरफ लौटते देखा।
तेलंगाना संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) के अध्यक्ष एम. कोडंडरम ने पहले ही तटीय आंध्र प्रदेश और हैदराबाद के बीच चलने वाली बसों को रोकने की चेतावनी दी है।
राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें तेलंगाना क्षेत्र के कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से दो सप्ताह तक सड़कों पर नहीं उतरेंगी। निजी बस मालिक विजयवाड़ा-हैदराबाद के बीच और अधिक बसें चला रहे हैं।
तटीय आंध्र के विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, राझामुंडरी, ईलुरु, गुंटूर और अन्य इलाकों के हजारों लोग प्रतिदिन बसों से सफर कर हैदराबाद जाते हैं।