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बहुत दिनों से जिस मुलाकात की प्रतीक्षा थी आखिर वह हुई और सफलता पूर्वक हुई। सिंगापुर में हुई इस मुलाकात के बाद जब किम और ट्रंप दिखे तो दोनों के चेहरे पर प्रसंन्ता थी। दोनों के बीच पहले तो अकेले में बात हुई और उसके बाद शिखर वार्ता भी हुई।
वो दिन बहुत दूर नहीं गए जब इन दोनों नेताओं ने एक दूसरे को परमाणु हमले की धमकी दी थी। हालांकि इस मुलाकात में ये दोनों जिस सकारात्मक रवैये से मिले उसमें पिछली बयानबाजी का असर कहीं भी दिखाई नहीं दिया। ट्रंप ने तो मीडिया को यहां तक कहा कि इस मुलाकात के बाद मुझे यकीन हो गया है कि हमारे उत्तरी कोरिया के साथ संबंध बहुत अच्छे होंगे।
अमेरिका और नार्थ कोरिया के अच्छे रिश्ते दोनों ही देशों के लिए बहुत जरूरी हैं। एक तरफ कई सारे प्रतिबंध झेल रहा नार्थ कोरिया जिसने अपने देश को पूरे विश्व से अलग-थलक कर रखा है वह चाहता है कि मेन स्ट्रीम में आ जाए और देश का सकारात्मक विकास हो।
वहीं दूसरी तरफ अमेरिका ने अगर नार्थ कोरिया से अच्छी दोस्ती कर ली और चीन से उसकी दोस्ती को खत्म करवा दिया तो यह एक तरह से उसकी बहुत बड़ी जीत मानी जाएगी। इतना ही नहीं नार्थ कोरिया से अच्छे संबंध अमेरिकन आर्मी को चीन के एकदम पास पहुंचने में भी मदद कर सकते हैं।
इसलिए इस मुलाकात से कई सारे कयास लगाए जा रहे हैं और पूरा विश्व इनकी ओर देख रहा है कि इन दोनों देशों की यह दोस्ती कितनी आगे जाती है।