दिल्ली के एक रिहायशी इलाक़े में दिल दहलाने वाली घटना हुई है | क्या आज कल के लोगो में इंसानियत बिलकुल ख़त्म गयी है? इस घटना के बारे में सुनने के बाद शायद आप भी यही सोचेंगे |
वारदात : 21 जून, 2018, सुबह 8:30 बजे, सरिता विहार, दिल्ली
एक घने रिहायशी इलाक़े से सटे कूड़ाघर में लोगों की निगाह दो ऐसी चीज़ों पर पड़ी, जो आम तौर पर कचरे के ढेर में नहीं होती | ये थी एक बड़ा सा बैग और बैग के पास एक पैक्ड कार्टुन बॉक्स | इनसे इतनी ज्यादा बदबू आ रही थी की लोगो ने इसके बारे में पुलिस को इत्तिला कर दी |
कुछ ही देर में दिल्ली पुलिस मौका ए वारदात पर पहुंची | लेकिन जैसे ही पुलिस ने बैग को खोला तो उसमे उनको मिली एक लाश, वो भी सात अलग-अलग टुकड़ों में | हाथ, पैर, सिर, गर्दन सब अलग-अलग | लाश से ये तो पता चल गया था की ये लड़की की है , लेकिन ये लड़की आखिर थी कौन और इसकी इतनी बेरहमी से हत्या क्यों की गयी | ये सब सवाल पुलिस के दिमाग में घूम रहे थे | पुलिस ने लाश बरामद की और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया |
पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल उस समय यही था की किसी तरह इस लड़की की जानकारी उनको मिल जाये | और आख़िरकार पुलिस इसमें कामयाब हो ही गई |
तफ्तीश के दौरान पुलिस की नज़र कार्टुन बॉक्स पर गई जिसमे क़ातिलों ने लाश के टुकड़े भर कर फेंके थे, उस पर एक कूरियर कंपनी का पता लिखा था | पुलिस ने सोचा शायद इस पते से ही कोई रास्ता निकले | वो फ़ौरन गुरुग्राम में उस कूरियर कंपनी के दफ्तर पहुंची और वहां उसने कंपनी के अफ़सरों को कार्टुन बॉक्स की तस्वीरें दिखाईं | इत्तेफ़ाक से कूरियर वाले ने बॉक्स की पहचान कर ली और बताया कि इस तरह के बड़े बॉक्स में उनके एक कस्टमर ने यूएई से पार्सल बुक करवाया था | कस्टमर का नाम था जावेद अख्तर |
अब पुलिस कूरियरवाले के बताए पते पर सीधे जावेद अख्तर के घर अलीगढ़ पहुंची | यहां जावेद ना सिर्फ़ पुलिस को मिल गया, जबकि अपने कार्टुन बॉक्स की तस्वीर भी पहचान ली | उसने बताया कि उसने तीन साल पहले ऐसे कई कार्टुन बॉक्स में यूएई से कुछ ज़रूरत की चीज़ें मंगवाई थीं, इनमें से कुछ बॉक्स जहां उसने अपनी नौकरानी को दिए थे वहीं कुछ बॉक्स दिल्ली के शाहीनबाग़ वाले घर रखवाई थीं | शाहीनबाग के उस मकान में कुछ लड़के किराए पर रहते थे।
अब पुलिस ने दिल्ली के शाहीन बाग का रुख किया. पुलिस की सारी उम्मीद अब इसी मकान पर आकर टिक गई थी | जो भी सुराग मिलना था यहीं से मिलना था |
पुलिस की टीम जावेद अख़्तर की नौकरानी के पास पहुंची | वहां पर खाली बॉक्स मिल गए, इसके बाद पुलिस जब जावेद के शाहीन बाग स्थित घर पर पहुंची तो वहां ताला लगा था | इससे पुलिस का शक साजिद अली पर गहरा हो गया | पुलिस ने आस-पास के लोगों से साजिद के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की, तो पता चला कि उसने वहां लोगों से कहा है कि वो ये घर खाली करके जा रहा है|
अब पुलिस को तलाश थी साजिद अली अंसारी की | पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में जुट गई, और आखिरकार वो पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया | पकड़े जाने के बाद साजिद ने क़त्ल की जो कहानी पुलिस को बताई वो चौंका देने वाली है| साजिद अली ने पुलिस को बताया कि उसका अक्सर अपनी पत्नी के साथ झगड़ा होता था | झगड़े की दो वजह थी एक तो उसका किसी दूसरी लड़की के साथ संबंध और उसकी बेरोजगारी |
इसी वजह से उसने अपनी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया | 20- 21 जून की रात को उसने अपनी पत्नी की गला दबा कर हत्या कर दी | फिर अपने दोनों भाइयों के साथ मिलकर उसकी लाश के कई टुकड़े किए और लाश को एक पार्सल बॉक्स में डाल कर ठिकाने लगा दिया |
पूछताछ में साजिद ने पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी हिन्दू थी, साल 2011 में पढ़ाई के दौरान उसकी मुलाकात राजबाला से हुई थी | बाद में दोनों ने शादी कर ली और पत्नी का नाम बदलकर जूही रख दिया था | साजिद पेशे से बीटेक इंजीनियर है, लेकिन उसके पास कोई नौकरी नहीं है, फिलहाल तीनों आरोपी भाई अब सलाखों के पीछे हैं |